देश में मोटे अनाज का उत्‍पादन 17.35 मिलियन टन रहा: नरेंद्र तोमर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 05, 2023 - 11:57 PM (IST)

जैतो( रघुनंदन पराशर): संयुक्त राष्ट्र महासभा (यू.एन.जी.ए.) ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया। 2022-23 के दौरान देश में मोटे अनाज (श्री अन्न) का कुल उत्पादन 17.32 मिलियन टन रहा। 2022-23 के दौरान मोटे अनाज (श्री अन्न) का राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेशवार उत्पादन अनुलग्‍नक-I में दिया गया है। भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईएम) 2023 मनाने के लिए एक बहु हितधारक दृष्टिकोण लागू कर रही है ताकि आई.वाई.एम. 2023 के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके और मोटे अनाज (श्री अन्न) को बढ़ावा दिया जा सके। 

मोटे अनाज (श्री अन्न) के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण विभाग (डी.ए. एंड एफ.डब्ल्यू.) 28 राज्यों के सभी जिलों और 2 केन्‍द्र शासित प्रदेशों अर्थात जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एन.एफ.एस.एम.) के तहत पोषक अनाज पर एक उप-मिशन लागू कर रहा है। 

एनएफएसएम-पोषक अनाज के तहत, राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के माध्यम से किसानों को फसल उत्पादन और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों, फसल प्रणाली आधारित प्रदर्शनों, नई किस्मों/संकरों के प्रमाणित बीजों के उत्पादन और वितरण, एकीकृत पोषक तत्व और कीट प्रबंधन तकनीक, उन्नत कृषि उपकरण/उपकरण/संसाधन संरक्षण मशीनरी, जल बचत उपकरण, फसल के मौसम के दौरान प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों की क्षमता निर्माण, कार्यक्रम/कार्यशालाओं का आयोजन, बीज मिनीकिट का वितरण, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार आदि पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। 

भारत को 'श्री अन्न' का एक वैश्विक केन्‍द्र बनाने के लिए, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (आई.आई.एम.आर.), हैदराबाद को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए उत्कृष्टता केन्‍द्र घोषित किया गया है। साल 2022-23 के दौरान एन.एफ.एस.एम.-पोषक अनाज के तहत धनराशि (केन्‍द्रीय हिस्सेदारी) का राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेशवार आवंटन, जारी करने और व्यय अनुलग्‍नक-II में दिया गया है।यह जानकारी केन्‍द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्‍न के उत्तर में दी।


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Content Writer

Pardeep

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