प्रधानमंत्री की बाबुओं को फिर चेतावनी

punjabkesari.in Sunday, Dec 31, 2017 - 11:04 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेशक एक सख्त प्रशासक हो सकते हैं और अधिकारी सदैव भयभीत रहते हैं लेकिन हाल ही में जारी किए गए अर्द्ध-सरकारी नोट में इस बात का खुलासा किया गया है कि नौकरशाह सख्त स्वभाव के हैं और वे कड़ी चेतावनियों को सह लेते हैं। प्रधानमंत्री के तहत कार्मिक विभाग (डी.ओ.पी.टी.) ने कहा है कि  ऐसे कई उदाहरण उसके ध्यान में आए हैं जिनमें बहुत से अधिकारी उसकी अनुमति के बिना राज्यों में अपना कार्यकाल पूरा होने के बावजूद रुके रहते हैं। पी.एम.ओ. इस बात को देख कर हैरान हुआ कि भारी संख्या में अधिकारी कार्यकाल खत्म होने के बावजूद राज्य में बैठे रहते हैं।

पी.एम.ओ. ने इस उल्लंघन को गंभीरता से लिया और इन अधिकारियों के खिलाफ दंडित कार्रवाई करने की चेतावनी दी। डी.ओ.पी.टी. ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर ये अधिकारी अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी राज्यों में रहते हैं तो उनके इस कार्यकाल को पैंशन निर्धारित करते समय गिना नहीं जाएगा। इसका अर्थ है कि अगर अधिकारी बिना अनुमति के राज्य में एक अतिरिक्त वर्ष तक कार्य करता है तो उस अवधि को सेवा अवधि में शामिल नहीं किया जाएगा।

डी.ओ.पी.टी. ने सख्त फरमान जारी किया है कि निर्धारित समय से अधिक समय तक राज्यों में ठहरने वाले अधिकारियों के अपने पैतृक कैडर में शामिल होने के समय को गिना नहीं जाएगा। डी.ओ.पी.टी. ने राज्यों के अकाऊंटैंट जनरल को निर्देश दिया है कि अनुमति के बिना अधिक समय तक रहने वाले अधिकारियों के वेतन का भुगतान रोक दिया जाए। पी.एम.ओ./डी.ओ.पी.टी. ने चेतावनी दी है कि केन्द्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना प्रतिनियुक्ति की स्वीकृत अवधि से अगर कोई अधिक समय तक रहता है तो दंडित किए जाने का उस अधिकारी के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।


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