आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती : PM मोदी

punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2015 - 08:22 PM (IST)

नई दिल्ली: पीएम मोदी के मलेशिया दौरे का आज दूसरा दिन है। रविवार को उन्होंने 10वें ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ग्लोबल चैलेंज से निपटने के लिए आज भी दुनिया हमारी ओर देखती है। हमारे भविष्य को एक साथ बनाने के लिए ईस्ट एशिया समिट बेहतर ऑप्शन है। 
 
एशियाई शिखर सम्मेलन में संबोधन करते मोदी ने कहा-:
 
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक संतुलन का विचार नहीं आना चाहिए : मोदी 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक संतुलन का विचार नहीं आना चाहिए और किसी भी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या समर्थन नहीं करना चाहिए । उन्होंने इसके विरूद्ध नये वैश्विक प्रण और रणनीति बनाए जाने पर जोर दिया।  प्रधानमंत्री ने 10वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि वह आतंकवाद को धर्म से अलग करने की प्रतिबद्धता और हर आस्था को परिभाषित करने वाले मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हैं ।  
 
किसी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या समर्थन नहीं करना चाहिए
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें नए वैश्विक प्रण और नई वैश्विक रणनीति निर्मित करनी होगी, जो हमारी राजनीतिक मीमांसा को संतुलित करने से परे हो । किसी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या समर्थन नहीं करना चाहिए। समूहों के बीच कोई अंतर नहीं हो । कोई पनाहगाह न हो । कोई वित्त पोषण न हो । हथियारों तक पहुंच न हो । लेकिन साथ ही हमें हमारे समाजों और हमारे युवाओं के बीच भी काम करना चाहिए । मैं आतंकवाद से धर्म को अलग करने का स्वागत करता हूं और हर आस्था को परिभाषित करने वाले मानवीय मूल्यों को बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना करता हूं ।  
 
 दक्षिण चीन सागर विवाद की पृष्ठभूमि में बोले मोदी 
 
समुद्र हमारी खुशहाली और सुरक्षा का रास्ता बना रहना चाहिए । भारत 1982 की संयुक्त राष्ट्र संधि पर समुद्री कानून समेत सभी स्वीकार्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नौवहन, उड़ान भरने, निर्बाध वाणिज्य की स्वतंत्रता के बारे में आसियान की प्रतिबद्धता को साझा करता है। क्षेत्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से ही सुलझाना चाहिए । 
 
PM मोदी ने मलेशिया में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण किया
 
PM मोदी ने मलेशिया यात्रा के दूसरे दिन यहां पेटलिंग जया में रामकृष्ण मिशन द्वारा स्वामी विवेकानंद की आदम कद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा,स्वामी विवेकानंद ना किसी व्यक्ति का नाम है, ना किसी व्यक्ति की पहचान । वह तो हजारों वर्षों पुरानी भारत की आत्मा है । वह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की आवाज हैं ।  उन्होंने कहा कि वेदों से लेकर स्वामी विवेकानंद तक भारत में एक लंबी सांस्कृतिक परंपरा रही है हम भले ही उपनिषदों से आज उपग्रह तक पहुंच गये हैं लेकिन अगर हम अपने अंदर मूलभूत मूल्य बरकरार रखने की कोशिश करते हैं तो हम स्वामी विवेकानंद को अपने अंदर जीवित रखने का प्रयास करते हैं ।  
 
 
PM मोदी के सम्मान में मलेशिया में रंगारंग कार्यक्रम,  भारतीयों को किया संबोधित
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को धर्म से अलग रखने की पुरजोर वकालत करते हुए आज कहा कि आतंक दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है और परस्पर सहयोग से इसे मिटाने के लिए सख्ती से काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने यहां मलेशिया अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती है और न ही इसे किसी धर्म से जोड़कर देखा जाना चाहिए। आतंकवाद किसी मजहब का मुद्दा नहीं है और न ही यह किसी एक देश तक ही सीमित है। 
 
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आज आतंकवाद को महसूस कर रही है और हमारे समय में विश्व समुदाय के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। पूरी दुनिया को एकजुट होकर इससे लडऩा है और तय करना है कि किसी भी तरह आतंक को बढ़ावा नहीं मिल सके।  पूरी दुनिया का आतंकवाद से परस्पर सहयोग और जमीनी स्तर पर लडऩे का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसके खात्मे के लिए सभी देशों को खुफिया सूचनाओं का आदान प्रदान करने के साथ ही जरूरत पडऩे पर इसके विरुद्ध मिलकर सैन्य बलों के इस्तेमाल से भी संकोच नहीं करना चाहिए। 
 
 देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के कई आधार गिनाते हुए मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढती हुई अर्थव्यवस्था है। देश 7.5 प्रतिशत की वार्षिक आर्थिक विकास दर से आगे बढ रहा है तथा इसे और मजबूती देने के लिए ढांचागत विकास जैसे कई जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि वह भारत की आने वाली पीढी को आधुनिक अर्थव्यवस्था का स्वाद दिलाना चाहते हैं और इसके लिए वह निरंतर काम कर रहे हैं। भारत में आर्थिक विकास एक नए आंदोलन का रूप ले चुका है और इस आंदोलन को आगे बढाने के लिए उसे वैश्विक सहयोग की सख्त जरूरत है। 
 
उनका कहना था कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए दुनिया के अन्य देशों के साथ परस्पर सहयोग आवश्यक है। मोदी ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ हमारे संबंध परंपरागत हैं। इस क्षेत्र के सभी देश शांतिपूर्ण तथा गतिशील हैं। आसियान भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी है और इस संबंध को और आगे बढाना समय की जरूरत है। उन्होंने मलेशिया के साथ संबंध मजबूत बनाने का आह्वान किया और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए वह काम करेंगे।  

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News