क्या राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है जम्मू-कश्मीर?

punjabkesari.in Saturday, Apr 22, 2017 - 12:13 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में बढ़ते हालात के बीच भाजपा और पीडीपी के बीच रिश्ते भी असहज होते जा रहे हैं। सत्ता के गलियारों में अब ये सवाल उठ रहा है कि हिंसा से सुलगता जम्मू-कश्मीर क्या राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है? घाटी में हालात बेकाबू हैं। खबर है कि पत्थरबाजी और सीमापार से लगातार गोलीबारी की वजह से मोदी की छवि जम्मू-कश्मीर में खराब हो रही है। ऐसे में पार्टी ने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी से किनारा करने का मन बना लिया है। इसलिए पार्टी महबूबा से नाता तोड़ कर राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ने के विकल्प पर विचार कर रही है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला 23 अप्रैल को महबूबा की दिल्ली और अप्रैल के अंत में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 2 दिन के जम्मू दौरे के बाद लिया जा सकता है।

बुरहान की मौत के बाद बिगड़े हालात
जम्मू-कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद हालात और भी बिगड़ने लगे हैं। सेना के जवानों और स्‍थानिय लोगों के बीच हिंसा की खबरें रोजाना मिलती हैं। इधर एमएलसी चुनाव में क्रास वोटिंग तथा उद्योग मंत्री के कश्मीरियों के प्रति विवादित बयान के बाद दोनों दलों के बीच तल्खी बढ़ी है। पहले पीडीपी ने एमएलसी के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया और अब कठुआ में राज्य सरकार के मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण समारोह का। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कार्यक्रम तो पहले रद्द हो गया था, लेकिन शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी को समारोह में शामिल होना था। शिक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए। इस बीच घाटी में उपजे हालात पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राममाधव ने राज्यपाल से मुलाकात कर सुरक्षा हालात पर चिंता जताई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News