LAC पर चीन को मुंहतोड़ जवाब की तैयारी, सेना बना रही रोड, पुल और जवानों के रहने के लिए आवास

punjabkesari.in Tuesday, Nov 15, 2022 - 09:26 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन की चालबाजियों का जवाब देने के लिए सेना ने अपने बुनियादी ढांचे के विकास में काम में काफी तेजी लाई है। खासकर गलवान घाटी में जून 2020 में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद सेना ने अपनी क्षमता को बढ़ाने पर खासा जोर दिया है। इसमें सैनिकों के साथ रहने के लिए नए आवास से लेकर पैट्रोलिंग के लिए बोट के साथ-थ रोड कनेक्टिविटी के लिए सड़क और नए पुल बनाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। ताकि सालों पर आवाजाही का रास्ता बना रहे।

पूर्वी लद्दाख के हाई एलटिच्यूड इलाके में जहां पहले करीब 10 हजार जवानों के रहने का इंतजाम था, अब वह संख्या 22 हजार तक जा पहुंची है। यहां केवल सैनिकों के रहने के लिए ढांचा ही तैयार नहीं किया गया है, बल्कि पानी और बिजली समेत तमाम सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। जवानों को पीने का स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए तालाब बनाए गए हैं, ताकि उनको सालों भर पीने को ताजा पानी मिल सके। ये घर ऐसे हैं कि जिन्हें कहीं भी 2-3 दिनों के भीतर ले जाया जा सकता है। ये पूरी तरह से आधुनिक और कॉम्पैक्ट हैं. ये शेल्टर 15000, 16000 और 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किए गए हैं।

सैनिकों के लिए सेना ने बख्तरबंद वाहनों और गन सिस्टम को रखने के लिए 450 ऐसे तकनीकी भंडार बनाए हैं, जहां पर कम तापमान में भी वाहनों और हथियार प्रणालियों की दक्षता कम नहीं हो सके। फ्रंट लाइन के बंकरों पर ऐसे थ्री डी प्रिंटिंग डिफेंस स्ट्रक्चर्स या 3डी बंकर तैनात किये जा रहे हैं, जिससे बंकर पर अगर टी-90 जैसे टैंक से 100 मीटर की दूरी से हमला किये जाएं, तब भी वे इसका सामना कर पाएंगे।

इतना ही नहीं लद्दाख में कठोर मौसम को मात देने के लिए सेना ने जवानों के लिए 20 सौर उर्जा से चलने वाले लद्दाखी शेल्टर बनाए हैं। जहां एक इकाई में 3-4 सैनिक रह सकते हैं। इसमें जब बाहर का तापमान -20 डिग्री में होता है तो अंदर का 20 डिग्री तापमान होता है। यह सैनिकों को गर्म रखता है।

आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में अब भी भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने है। अभी भी सेनाओं के बीच तनाव का माहौल कायम है। सरहद के दूसरी ओर चीन बड़ी तेजी से अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में लगा है, तो इस मामले में भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता है। यही वजह है कि चीन से लगी सीमा पर सैनिकों के लिये बुनियादी ढ़ाचे का काम जोर-शोर से किया जा रहा है। खासकर जब से चीन के साथ सीमा पर तनातनी बढ़ी है तो यह काम तेजी से किया जा रहा है। बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण इस तरह हो रहा है कि जरूरत पड़ने पर सीमा पर सेना की तैनाती जल्द से जल्द किया जा सके।


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Content Writer

Yaspal

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