अंतिम संस्कार की चल रही थी तैयारी, अचानक चलने लगी सांसे... महिला को जिंदा देख मचा हडकंप
punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 08:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के ग्राम भोजला में एक 90 वर्षीय महिला माया देवी के मृत घोषित किए जाने के बाद जब अचानक उनकी सांसें चलने लगीं तो पूरे परिवार और आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। मृत समझकर उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद माया देवी ने खुलकर सांस ली और बोलना शुरू कर दिया, जिसे देखकर लोगों ने इसे ‘चमत्कार’ बताया और मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी।
सांसें बंद होने पर परिवार में मचा मातम
सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के ग्राम भोजला में रहने वाली माया देवी परिवार के साथ सालों से रहती हैं। उनके तीन बेटे हैं, जिसमें बड़ा बेटा बृज किशोर रिटायर्ड ग्रासलैंड से हैं, जबकि मझला बेटा रामगोपाल और छोटा बेटा राम किशन मजदूरी करते हैं। पूरे परिवार में करीब 150 लोग हैं।
परिजनों ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे माया देवी की सांसें बंद हो गईं और उनका शरीर ठंडा हो गया। परिवार के लोग उन्हें हिलाने और जगाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वे बेहोश रहीं। तब पड़ोसी कम्पाउंडर को बुलाया गया, जिसने जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू, फिर हुआ चमत्कार
मृत होने की खबर सुनते ही घर में चीख-पुकार मच गई और रिश्तेदार, दोस्त आने लगे। माया देवी का शव नीचे लिटा दिया गया और उनके सिर के पास अगरबत्ती जलाई गई। अंतिम संस्कार की तैयारियां हो रही थीं। लेकिन लगभग ढाई घंटे बाद जब उनके शरीर पर गंगाजल छिड़का गया तो माया देवी ने अचानक सांस लेना शुरू किया। पहले तो वहां मौजूद लोगों को यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब माया देवी ने आंखें खोलकर मुंह हिलाया तो सभी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
डॉक्टर की राय: हो सकता है ‘सर्कुलेटरी शॉक’ का मामला
स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि कभी-कभी शरीर में सर्कुलेटरी शॉक की स्थिति आ जाती है, जिसमें शरीर के अंगों तक पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे व्यक्ति बेहोश और सुस्त हो जाता है। इसे आम भाषा में ‘गश आना’ या ‘झमा आना’ कहा जाता है। ऐसे मामलों में व्यक्ति का शरीर एकदम मृत जैसा लग सकता है, लेकिन कुछ देर बाद झटका लगने पर वह सामान्य हो जाता है। डॉक्टर ने स्पष्ट किया कि किसी के मरने के बाद फिर जिंदा होना असंभव है, इसलिए इस घटना को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझना जरूरी है।