पुरमंडल-उटरबहनी हेरिटेज कॉरिडोर निमार्ण की तैयारियाँ शुरू, INHTACH के जम्मू चैप्टर को सौंपा गया कार्य
punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 05:36 PM (IST)
साम्बा (संजीव): इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (आईएनटीएसीएच) ने यहां साम्बा जिले के पुरमंडल से पुरमंडल-उत्तरबहनी कॉरिडोर के विरासत मंदिरों के दस्तावेजीकरण और सूचीकरण का विशाल कार्य शुरू किया। उपायुक्त अनुराधा गुप्ता ने औपचारिक रूप से पुरमंडल के मुख्य मंदिर परिसर से इसका शुभारंभ किया जिसे 'छोटा काशी' भी कहा जाता है।
यह परियोजना इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनटैक) के जम्मू चैप्टर द्वार एएच डिविजन इनटैक नई दिल्ली की मदद और मार्गदर्शन से शुरू की गई है। एसएम साहनी केएएस (सेवानिवृत्त) संयोजक इनटैक जम्मू चैप्टर ने "छोटा काशी" (पुरमंडल-उत्तरबहनी) मंदिर कॉरिडोर के प्रलेखन, सूचीकरण और पुस्तिका की तैयारी की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया।
उपायुक्त अनुराधा गुप्ता ने अपने संबोधन में, प्रलेखन और लिस्टिंग परियोजना शुरू करने के लिए टीम इनटैक के प्रयासों की सराहना की, जो पुरमंडल-उटरबेहनी मंदिरों के संरक्षण और विकास में मदद करेगा। उपायुक्त ने संविधान के अनुच्छेद 51ए का हवाला देते हुए कहा कि इसमें निहित मौलिक कर्तव्यों को निभाने के लिए नागरिक नैतिक रूप से बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि हमारी साझी संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। डीसी ने कहा कि पुरमंडल-उत्तरबहनी मंदिरों को भावी पीढ़ी के लिए बचाने और विशेष रूप से माता वैष्णो देवी जी के पवित्र गुफा मंदिर के रास्ते में तीर्थयात्रियों की आमद बढ़ाने के उद्देश्य से यह परियोजना बेहद फायदेमंद होगी।
डीसी अनुराधा गुप्ता ने आगे कहा कि ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने के साथ क्षेत्र के संरक्षण, संरक्षण, बहाली और विकास के लिए स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इससे स्थानीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक भलाई में सुधार होगा। इस अवसर पर उपस्थित दिल्ली के अक्षित कुमार और कार्तिक दुबे आर्किटेक्ट्स ने भी परियोजना की कार्यप्रणाली के बारे में बताया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में डीडीसी सदस्य अवतार सिंह, बीडीसी अध्यक्ष अरशद बेगम, एसीडी सिद्धार्थ धीमान, डीएफओ एसडी खजूरिया, प्रबंधक धर्मनाथ ट्रस्ट चंद्र शेखर, अमित गंगोटिया एचओडी टीटीएम सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू सहित विद्वानों, छात्रों, सरपंच और पंच और अन्य ने भाग लिया। कार्यक्रम में जेएल बरू ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।