अस्पताल आने वाले गरीब लोगों को बेसहारा नहीं छोड़ा जा सकता, काम पर लौटें: SC ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2024 - 01:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश भर के चिकित्सा पेशेवरों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रेजिडेंट डॉक्टरों और इंटर्न को आश्वासन दिया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई भयावह घटना के मद्देनजर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी, जहां इस महीने की शुरुआत में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी।

डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदर्शनकारी चिकित्सा समुदाय से काम पर लौटने को कहा और आश्वासन दिया कि डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने कहा, "पहले उन्हें काम पर लौटने के लिए कहें। एक बार वे काम पर लौट आएं तो कोई भी डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करेगा। पहले उन्हें काम पर लौटने दीजिए और फिर यदि कोई कठिनाई होती है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए।"

काम पर नहीं आएंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा कैसे चलेगा?
पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पादरीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने कहा, "अस्पताल आने वाले गरीब लोगों को बेसहारा नहीं छोड़ा जा सकता।" इसमें कहा गया है, "वे (मरीज) दो साल पहले अपॉइंटमेंट लेते हैं और अचानक कहा जाता है कि उन्हें देखा नहीं जाएगा। सभी डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए। कृपया आश्वस्त रहें कि एक बार जब डॉक्टर काम पर लौट आएंगे, तो हम अधिकारियों पर कोई प्रतिकूल कार्रवाई न करने के लिए दबाव डालेंगे। अगर डॉक्टर काम पर वापस नहीं आएंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा कैसे चलेगा?"

डॉक्टरों के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए गए
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार एवं हत्या की घटना तथा संबंधित मुद्दे" शीर्षक से स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया गया कि देशभर के विभिन्न अस्पतालों के प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए गए, जिनमें छुट्टी पर गए डॉक्टरों को चिह्नित करना, उनकी आकस्मिक छुट्टियों में कटौती करना आदि शामिल हैं।

डॉक्टरों को काम पर लौटने का किया था आग्रह 
मंगलवार को हुई इससे पहले की सुनवाई में सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने देश भर के डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों से जल्द से जल्द काम पर लौटने का आग्रह किया था। पीठ ने कहा, "चूंकि यह अदालत कार्यस्थल पर सभी चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित मामले पर विचार कर रही है, तथा यह उच्च राष्ट्रीय प्राथमिकता वाला मुद्दा है, इसलिए हम काम से अनुपस्थित सभी डॉक्टरों से अनुरोध करेंगे कि वे यथाशीघ्र काम पर लौट आएं।''


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Content Editor

rajesh kumar

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