Maha kumbh 2025: महाकुंभ से लौटने के बाद घर में प्रवेश करने के बाद जरूर करें ये काम, सौभाग्य की होगी प्राप्ति

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 10:20 AM (IST)

नेशनल डेस्क: महाकुंभ 2025 हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और भव्य आयोजनों में से एक है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कहा जाता है। इस बार प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। पहले अमृत स्नान के दिन लगभग 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पहुंचे। अब अगला शाही स्नान 29 जनवरी को होगा और इसके बाद 3 फरवरी को अंतिम अमृत स्नान किया जाएगा।

अगर आप भी महाकुंभ में पवित्र स्नान कर चुके हैं या स्नान करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको यह जानना चाहिए कि घर लौटने के बाद कौन से कार्य करने चाहिए। ये धार्मिक और शुभ कार्य आपको सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करेंगे।

महाकुंभ से लौटने के बाद घर में करें ये कार्य

  1. सत्यनारायण की कथा या भजन-कीर्तन का आयोजन करें
    महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा को अपने घर में बनाए रखने के लिए सत्यनारायण की कथा या भजन-कीर्तन का आयोजन करना बेहद शुभ होता है। इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और सुख-समृद्धि आती है।

  2. दान करें
    किसी भी धार्मिक यात्रा के बाद दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। महाकुंभ से लौटने के बाद अन्न, कपड़े, या धन का दान करें। इससे न केवल मानसिक संतुष्टि मिलती है बल्कि देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

  3. पितरों के निमित्त तर्पण करें
    यह माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से पितरों को सद्गति प्राप्त होती है। इसलिए घर लौटने के बाद पितरों के लिए तर्पण करना या उनकी स्मृति में दान करना शुभ माना गया है। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है और घर में शांति और सुख बढ़ता है।

  4. प्रसाद बांटें
    महाकुंभ के दौरान मंदिरों से प्राप्त प्रसाद को घर के सभी सदस्यों और अपने करीबी लोगों में बांटें। इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद आप पर और प्रसाद ग्रहण करने वाले व्यक्तियों पर बना रहता है।

  5. अन्नदान करें
    तीर्थ यात्रा के बाद अन्नदान को सबसे बड़ा दान माना गया है। आप ब्राह्मणों को भोजन करवाएं, मंदिर में अन्नदान करें, या जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराएं। इससे धार्मिक यात्रा का पूर्ण पुण्यफल मिलता है।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, संस्कृति, और परंपरा का संगम है। यहां श्रद्धालु स्नान के साथ-साथ प्राचीन और सिद्ध मंदिरों के दर्शन का लाभ भी उठाते हैं। यह आयोजन न केवल आत्मा की शुद्धि करता है, बल्कि समाज में धार्मिक मूल्यों को भी स्थापित करता है। अगर आपने महाकुंभ का अनुभव किया है या करने वाले हैं, तो इन परंपराओं का पालन जरूर करें ताकि आपको धार्मिक यात्रा का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त हो।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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