प्रदूषण का आतंक: दिल्ली आते ही विदेशी नागरिक शेन हैरान, बोले- ''धुंध इतनी घनी थी कि... हालात बहुत बुरे हैं''
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 11:37 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि अब इसका असर विदेशी पर्यटकों पर भी दिखाई देने लगा है। भारत घूमने आए विदेशी नागरिक शेन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं आगरा से बस से दिल्ली आ रहा था। जैसे-जैसे मैं दिल्ली के करीब पहुंचता गया, धुंध बढ़ती चली गई। आप साफ देख सकते थे कि हवा कितनी खराब हो चुकी है। शहर के करीब आते-आते तो स्थिति इतनी खराब हो गई कि बस के अंदर से बाहर देखना भी मुश्किल हो गया।”
शेन ने बताया कि उन्होंने कई देशों की यात्रा की है, लेकिन इतनी खराब वायु गुणवत्ता उन्होंने कहीं नहीं देखी। उनके अनुसार, “दिल्ली में सांस लेना मुश्किल लग रहा है। आंखों में जलन हो रही है और गले में भी खिंचाव महसूस होता है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो यहां रहना मुश्किल हो जाएगा।”
#WATCH | Delhi: Shane, a foreign national visiting India, says, "It's pretty bad. I came from Agra by bus and the closer I got to Delhi, the thicker the smog was. You could definitely tell the difference. The closer I got to Delhi, it kept getting worse to the point where I could… https://t.co/e4D2eDcbyE pic.twitter.com/U9KdEGoXWJ
— ANI (@ANI) November 3, 2025
स्थानीय लोग भी इस प्रदूषण से परेशान हैं। सुबह के समय धुंध इतनी घनी होती है कि सड़क पर विजिबिलिटी कुछ ही मीटर रह जाती है। स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाई जा रही हैं और कई ऑफिसों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी गई है। दिल्ली सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए कई कदम उठाए हैं—जैसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू करना, निर्माण कार्यों पर रोक, पानी का छिड़काव और डीजल वाहनों पर निगरानी। बावजूद इसके, प्रदूषण स्तर में फिलहाल कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा बेहद अधिक है, जो सांस से फेफड़ों में जाकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि मास्क पहनें, सुबह की सैर से बचें और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। दिल्ली की हवा पर विदेशी पर्यटकों की यह प्रतिक्रिया एक बार फिर साफ करती है कि राजधानी में प्रदूषण सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुका है।
