प्रदूषण बना मुसीबत, खराब हवा के कारण दिल्ली में 13 फीसदी बढ़े कोरोना केस

punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 12:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ दिन में रोजाना covid-19 के 6,000 से अधिक मामले सामने आये हैं और इसमें 13 प्रतिशत बढ़ोतरी वायु प्रदूषण के कारण होने का अनुमान है। IMA ने कहा कि N-95 मॉस्क और एयर प्यूरीफायर पूरी तरह बचाव नहीं कर सकते। उसने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपाय लागू करने पर जोर दिया। वायु प्रदूषण फेफड़ों के आंतरिक भाग को नुकसान पहुंचाता है और इससे covid-19 संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। IMA ने कहा कि पिछले कुछ दिन में दिल्ली में प्रतिदिन covid-19 के 6,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसमें 13 प्रतिशत बढ़ोतरी प्रदूषण के कारण होने का अनुमान है।''

 

राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में पिछले 10 दिन में वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से इजाफा हुआ है। IMA ने कहा कि दिल्ली में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 से ऊपर रहा वहीं सुरक्षित सीमा 0-50 के बीच है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वायु प्रदूषण संबंधी आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर सामान्य स्तर से अधिक है। हवा की खराब गुणवत्ता से दमा, SOPD, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं।

 

दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 की अत्यधिक मात्रा होने की वजह से केवल घूमने-फिरने से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। IMA ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में वाहनों का प्रदूषण, निर्माण गतिविधियां, निर्माण सामग्री की ढुलाई, सड़कों पर धूल, पराली जलाना, औद्योगिक तथा बिजली संयंत्रों से होने वाला उत्सर्जन, कचरा जलाना और अरावली पर्वतीय क्षेत्रों में खनन आदि शामिल हैं। उसने कहा कि दीर्घकालिक उपाय अपनाना जरूरी है।


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Seema Sharma

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