Police System Change: गिरफ्तारी और तलाशी के लिए नए नियम लागू, पढ़ें क्या बदलेगा पुलिस सिस्टम में
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 08:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में पुलिसिंग को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के नव नियुक्त पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने प्रदेशभर के पुलिस कप्तानों को एक नया निर्देश जारी किया है, जिसके तहत गिरफ्तारी और तलाशी की प्रक्रिया अब केंद्रीय एजेंसियों CBI और ED की तर्ज पर की जाएगी।
यह बदलाव न केवल पीड़ितों और अभियुक्तों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पुलिसकर्मियों की जवाबदेही भी तय करेगा। कुल 16 अहम बिंदुओं पर आधारित यह नया प्रोटोकॉल अब प्रदेश की पुलिसिंग को आधुनिक और संवेदनशील दिशा में ले जाने की शुरुआत मानी जा रही है।
यूपी के @dgpup राजीव कृष्णा की महत्वपूर्ण पहल
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) August 4, 2025
गिरफ्तारी से जुड़ी पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर @Uppolice का बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश में गिरफ्तारी और तलाशी के लिए नए नियम लागू
डीजीपी उत्तर प्रदेश ने पूर्व में उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों के क्रम में… pic.twitter.com/MKUhWNb6a1
अब पुलिस को पालन करने होंगे ये अहम प्रोटोकॉल
नए नियमों के तहत अब हर गिरफ्तारी के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य होगा। इस रिपोर्ट में शामिल होंगे:
गिरफ्तारी का स्थान और समय
-आरोपी का बयान
-गिरफ्तारी का कारण
-बरामद सामान की पूरी जानकारी
-मेडिकल जांच की स्थिति
-स्वतंत्र दो गवाहों के हस्ताक्षर
-गिरफ्तारी के दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों का विवरण
इस रिपोर्ट की एक कॉपी संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी और कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।
तलाशी में भी पारदर्शिता
तलाशी अभियान में अब CBI और ED की तरह विस्तृत रिकॉर्डिंग और गवाहों की मौजूदगी जरूरी होगी। तलाशी के दौरान बरामद सभी वस्तुओं का लिखित विवरण तैयार कराना होगा और सभी गवाहों से उस पर हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। इससे भविष्य में कोर्ट में सबूतों की सटीकता बनी रहेगी और पुलिस प्रक्रिया पर भरोसा कायम रहेगा।
निर्दोषों को मिलेगी राहत, परिवारों को समय पर सूचना
इस नई प्रणाली का उद्देश्य निर्दोष लोगों को अनावश्यक गिरफ्तारी से बचाना है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिजनों को समय रहते सूचना देने का भी प्रावधान किया गया है, जिससे मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।
कोर्ट के आदेशों का पालन
डीजीपी ने साफ कहा है कि यह पूरी व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के पहले से दिए गए आदेशों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। अब तक इन आदेशों का पालन जमीनी स्तर पर अपेक्षाकृत ढीला था, लेकिन अब इसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।