पुलिस में छिपे जासूसों को ढूंढने के लिए सक्रिय हुई जम्मू कश्मीर पुलिस

punjabkesari.in Tuesday, Apr 18, 2017 - 08:13 PM (IST)

श्रीनगर : पुलिस ने विभाग में मौजूद जासूसों को पहचानने के लिए एक अभियान शुरू किया है। पुलिस को संदेह है कि ये जासूस आतंकी संगठनों तक परिचालन संबंधी महत्वपूर्ण सूचनाएं पहुंचा रहे हैं। ऐसा संदेह इसलिए है कि क्योंकि पुलिसकर्मियों के परिजनों को आतंकियों की ओर से बराबर धमकियां मिल रही हैं।

इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के शीर्ष अधिकारी खामोश हैं लेकिन सुरक्षा प्रतिष्ठानों में मौजूद सूत्रों ने कहा कि कुछ पुलिसकर्मियों को उन मामलों की गहन जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनमें आतंकियों ने खासकर हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने आतंकी निरोधी अभियानों में शामिल पुलिसकर्मियों के परिजनों को धमकाया है।
हाल में एक घटना हुई थी जिसमें शोपियां में आतंकी एक पुलिसकर्मी के घर में घुस गए थे। वह पुलिसकर्मी पुलवामा में एक अधिकारी के निजी सहायक के तौर पर तैनात है। इस घटना ने घाटी में सुरक्षा प्रतिष्ठानों के भीतर चिंता बढ़ा दी थी।
आतंकियों ने पुलिसकर्मी के परिजनों को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी और कहा था कि वह पुलिसकर्मी (पहचान जाहिर नहीं) उनके साथी आतंकियों की मौत का जिम्मेदार है क्योंकि उसी ने आतंकियों के ठिकाने की जानकारी सुरक्षा प्रतिष्ठानों को दी थी।
सूत्रों के मुताबिक इस घटना से कान इसलिए खड़े हो गए क्योंकि कथित रूप से खुफिया जानकारी देने की बात बेहद गोपनीय थी। सूत्रों ने बताया कि आतंकी समूह पुलिसकर्मियों को लगातार निशाना बना रहे हैं, बीते कुछ समय में पुलिसकर्मियों, उनके परिजनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले बढ़े हैं।

इस वर्ष बढ़े हैं धमकी के मामले
पुलिसकर्मियों के परिजनों को इस साल मार्च माह से धमकियां मिल रही हैं। लेकिन पिछले सप्ताहांत पर चिंता इसलिए बहुत ज्यादा बढ़ गई क्योंकि उग्रवाद निरोधी अभियानों में शामिल पुलिसकर्मियों के कम से कम 14 परिवारों को शोपियां और कुलगाम इलाकों में निशाना बनाया गया।

पुलिसकर्मियों को घर नहीं जाने की सलाह
ऐसी घटनाओं में एकाएक इजाफा होने से पुलिस मुख्यालय को परामर्श जारी कर पुलिसकर्मियों से कहना पड़ा कि वह कुछ माह तक अपने घरों पर नहीं जाएं। रविवार को जारी परामर्श में कहा गया कि इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को देखते हुए पुलिसकर्मियों को खासकर दक्षिण कश्मीर के पुलिसकर्मियों को सलाह दी जाती है कि अपने घर जाते वक्त वे बेहद सतर्क रहें। बेहतर होगा कि अगले कुछ माह वह अपने घर जाने से बचें क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर उनकी सुरक्षा भी बेहद अह्म है।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते शुक्रवार और शनिवार को कुलगाम और शोपिया पट्टी में कम से कम 14 पुलिसकर्मियों के परिवारों को धमकियां दी गई। इससे बीते दो दशकों से उग्रवादरोधी अभियानों में शामिल पुलिसकर्मी और अधिकारी सकते में आ गए।

मजबूरन कराई गई त्यागपत्र की घोषणा
शोपियां में दो कांस्टेबलों को पीटा गया। इनमें से एक मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विशेष सुरक्षा समूह में तैनात है। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में बटालियन में तैनात एक कांस्टेबल को शोपियां में घसीटकर एक स्थानीय मस्जिद तक ले जाया गया और लाउडस्पीकर के जरिए उससे मजबूरन इस्तीफे की घोषणा करवाई गई।
कुछ हफ्तों पहले श्रीनगर में तैनात एक स्टेशन हाउस अधिकारी के परिवार पर हमला किया गया। सूत्रों ने बताया कि अधिकारी ने खुफिया जानकारी मिलने के बाद एक एंबुलेंस को रोका था। खुफिया जानकारी में बताया गया था कि शहर में घुसने के लिए आतंकी ऐसे वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वर्तमान में उत्तर कश्मीर में तैनात अवर पुलिस अधीक्षक के खुदवानी स्थित घर पर भी इस माह की शुरूआत में लूटपाट हुई। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे पोस्टर और संदेश भी सामने आए जिसमें आतंकियों ने पुलिसकर्मियों से सोशल मीडिया या स्थानीय अखबारों में अपने इस्तीफे की घोषणा करने को कहा।

 


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