3 दिन बाद MP के गृहमंत्री ने माना, पुलिस ने चलाई थी किसानों पर गोली

punjabkesari.in Thursday, Jun 08, 2017 - 04:23 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज स्वीकार किया कि मंदसौर जिले के पिपल्यामंडी में पुलिस द्वारा गोली चलान में ही किसानों की मौत हुई है। सिंह ने यहां मीडिया से कहा कि मामले की प्रारंभिक जांच के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि मंगलवार को पुलिस ने गोलियां चलाई थीं और इसी वजह से पांच किसानों की मौत हुई है। इस घटना में दो किसान गंभीर रूप से घायल हैं। 

पहले किया था इंकार
सिंह ने मंगलवार को घटना के तत्काल बाद कहा था कि पिपल्यामंडी में किसानों की मौत पुलिस की गोली लगने से नहीं हुई है। गोली किसने चलाई, यह जांच में स्पष्ट हो जाएगा।

उपद्रवियों ने की लूटपाट
प्रदेश पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि मंदसौर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर पिपल्यामंडी और आसपास के इलाकों में सोमवार को किसान आंदोलन के दौरान उपद्रवियों ने जमकर हिंसा, लूटपाट और आगजनी की थी। इसके बाद मंगलवार को भी यह दृश्य सामने आने पर जिला पुलिस बल ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को सहायता के लिए बुला लिया था। अधिकारी के मुताबिक इस दौरान पुलिस और उपद्रवी आमने सामने आ गए थे और गोलियां चलाई गईं।

किसान की मौत के बाद भड़की हिंसा
बताया गया है कि पहली बार सीआरपीएफ जवानों द्वारा गोलीचालन में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद उपद्रवी और हिंसक हो गए और उन्होंने पुलिस जवानों को घेरने के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। पुलिस ने बचने के लिए फिर से गोलियां चलाई। इस तरह दो बार गोलीचालन में पांच लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक अन्य व्यक्ति की मौत हृदयाघात से हुई। राज्य में एक सप्ताह से जारी किसान आंदोलन के दौरान तीन दिनों से यह काफी हिंसक हो गया है। बुधवार को तो उपद्रवियों ने सभी सीमाएं लांघ दीं और यात्री बसों तथा आम लोगों के वाहनों को भी निशाना बनाया गया। हिंसा की घटनाएं मंदसौर, नीमच, देवास, सीहोर, धार और अन्य जिलों में सबसे अधिक प्रकाश में आईं। मंदसौर जिले के एक गांव में उपद्रवियों ने कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह पर भी हमला कर दिया था।


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