''नैतिक अधिकार और साहस खो चुकी है सरकार'' गहलोत बोले- ट्रंप के दावों पर जवाब दें PM मोदी

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 05:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के "मध्यस्थता" संबंधी दावे के बाद केंद्र सरकार ने अपना नैतिक अधिकार और साहस खो दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर देश को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि ट्रंप के दावे के बाद जनता की प्रतिक्रिया देखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने "तिरंगा यात्रा" निकालने का फैसला किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया, लेकिन वह निराश करने वाला था। अचानक हुए संघर्ष-विराम को देश समझ नहीं पा रहा है, क्योंकि यह पूरी तरह गोपनीय रहा।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पहले भी भारत पर दबाव बनाया था, लेकिन भारत कभी झुका नहीं और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। शिमला समझौते के वक्त भी भारत ने किसी दूसरे देश को बीच में नहीं आने दिया।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप बीच में आ रहे हैं। उस पर प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि ट्रंप के बयानों पर सरकार स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रही है? डोनाल्ड ट्रंप ने कौन सी ठेकेदारी ले रखी है?

गहलोत ने कहा कि ट्रंप कह रहे हैं कि वह कश्मीर मुद्दे को भी सुलझाएंगे, जबकि भारत की नीति हमेशा द्विपक्षीय रही है। ट्रंप की यह बात बहुत ही गंभीर है। भाजपा की "तिरंगा यात्रा" के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने आरोप लगाया कि अमेरिकी की पंचायती में जो सैन्य अभियान रुका, उसे लेकर जनता में भारी प्रतिक्रिया है। इससे घबराकर भाजपा तिरंगा यात्रा निकाल रही है। उन्होंने कहा कि जनता समझ चुकी है कि सच्चाई क्या है।

प्रधानमंत्री मोदी के आदमपुर वायुसेना केंद्र के दौरे को लेकर गहलोत ने कहा कि अब लगातार संदेश की राजनीति चलेगी। यह संदेश देने की कवायद है। उन्होंने सशस्त्र बलों के शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान की ऐसी हालत कर देनी चाहिए थी कि वे आतंकी घटना को अंजाम देने के काबिल न रहें, लेकिन अचानक संघर्ष-विराम हो गया। ट्रंप के ऐलान के बाद पूरा देश सकते में है कि आखिर हो क्या रहा है? संघर्ष-विराम के बाद भी भारत पर पाकिस्तान का हमला जारी रहा।

गहलोत ने कहा कि देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री मोदी पर किस तरह का दबाव है कि वह कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पा रहे हैं। कल प्रधानमंत्री मोदी ने जब संबोधन दिया, तो उम्मीद थी कि वह इन बातों पर जवाब देंगे, लेकिन वह बोले ही नहीं।  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" अस्थाई रूप से स्थगित हुआ है, लेकिन संघर्ष-विराम कभी अस्थाई रूप से नहीं होता। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या "ऑपरेशन सिंदूर" अमेरिका के दबाव में स्थगित किया गया?

गहलोत ने कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, ताकि पूरे देश को इसकी जानकारी हो कि सरकार की क्या नीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार नैतिक अधिकार और साहस दोनों खो चुकी है।

भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी और इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्होंने दोनों देशों के साथ व्यापार रोकने की चेतावनी देकर नई दिल्ली और इस्लामाबाद पर संघर्ष रोकने के लिए दबाव बनाया।


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Content Editor

Parminder Kaur

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