PM मोदी 21 नवंबर को जाएंगे दक्षिण अफ्रीका, जी-20 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 09:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क : दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मंच G20 शिखर सम्मेलन इस साल जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जा रहा है। 21 से 23 नवंबर 2025 तक चलने वाले इस सम्मेलन में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन ग्लोबल साउथ की मेजबानी में लगातार चौथे वर्ष आयोजित हो रहा है, जिससे इसकी वैश्विक अहमियत और बढ़ जाती है।

तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में विश्व के नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु संकट, ऊर्जा संक्रमण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और भविष्य-निर्धारक अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इन सभी मुख्य सत्रों में भारत की प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण को वैश्विक मंच पर पेश करेंगे।

सम्मेलन का एजेंडा और भारत की भूमिका
सम्मेलन में कुल तीन मुख्य सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी भारत की दृष्टि और समाधान प्रस्तुत करेंगे। ये सत्र सीधे तौर पर दुनिया की मौजूदा चुनौतियों से जुड़े हैं:

समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास

सभी के लिए विकास

बदलती वैश्विक व्यापार नीति

विकासशील देशों की वित्तीय जरूरतें

बढ़ता वैश्विक कर्ज संकट

भारत इस सत्र में फोकस करेगा कि ग्लोबल साउथ किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दबाव झेल रहा है। इसमें विशेष रूप से फंडिंग, कर्ज राहत और बाजारों तक समान पहुंच के मुद्दे शामिल होंगे।

एक लचीला विश्व: G20 का योगदान

प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी

जलवायु परिवर्तन से मुकाबला

न्यायपूर्ण ऊर्जा संक्रमण

वैश्विक खाद्य सुरक्षा

भारत अपने जलवायु वित्त और आपदा-प्रबंधन मॉडल को इस सत्र में दुनिया के सामने रखेगा।

सबके लिए न्यायपूर्ण भविष्य

क्रिटिकल मिनरल्स पर वैश्विक प्रतिस्पर्धा

सम्मानजनक रोजगार के अवसर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नियम और जोखिम

यह सत्र तकनीक और संसाधनों की नई राजनीति पर केंद्रित होगा। AI और क्रिटिकल मिनरल्स पर भारत का संतुलित दृष्टिकोण वैश्विक नीति निर्माण में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

द्विपक्षीय कूटनीति और IBSA बैठक
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कुछ प्रमुख देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें भी करेंगे। ये बैठकें वैश्विक व्यापार और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। साथ ही, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की त्रिपक्षीय समूह IBSA की बैठक भी पीएम मोदी के एजेंडे में शामिल है। इस बैठक के माध्यम से ग्लोबल साउथ की सामूहिक आवाज़ को और मजबूत किया जाएगा।

जोहान्सबर्ग से वैश्विक अपेक्षाएं
इस G20 सम्मेलन को केवल आर्थिक या राजनीतिक वार्ता का मंच नहीं माना जा रहा है। यह ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आवाज़ देने और नई विश्व-व्यवस्था बनाने का अवसर है।

भारत की प्राथमिकताएं

समावेशी विकास को बढ़ावा देना

जलवायु न्याय पर मजबूत रुख रखना

वैश्विक संस्थाओं में सुधार

AI और क्रिटिकल मिनरल्स के लिए संतुलित और न्यायपूर्ण फ्रेमवर्क


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Content Editor

Shubham Anand

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