#MannkiBaat में बोले PM- परिवार एक साथ योग कर शेयर करें सेल्फी

punjabkesari.in Sunday, May 28, 2017 - 02:31 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 32वीं बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया। उन्होंने सारे देशवासियों को रमजान पर मुबारकबाद दी। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि आजादी के दीवानों ने कई यातनाएं झेली हैं। स्वतंत्रता सेनानियों की लेखनी ने भी आजादी को बल दिया।

3 साल कार्यकाल में सहयोग के लिए शुक्रिया
मोदी ने आज अपने  कार्यक्रम मन की बात में कहा, ‘‘पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अखबार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के तीन वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है। तीन साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था। ढेर सारे सर्वे हुए हैं, ढेर सारी रायशुमारी आई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही स्वस्थ संकेत के रूप में देखता हूं। हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है।

योग दिवस पर भेजें सेल्फी
मोदी ने कहा कि विश्व योग दिवस तीन साल में संसार के हर कोने तक पहुंच चुका है और दुनिया को जोड़ने में लगा है इसलिए 21 जून तक वह योग की महत्ता को लेकर प्रति दिन ट्वीट करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि इसका अभ्यास में आज से ही शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं 1 जून से ट्वीट पर हर दिन योग के संबंध में कुछ-न-कुछ पोस्ट करूंगा और लगातार 21 जून तक करता रहूंगा, आप से अपनी बात कहूंगा। आप भी तीन सप्ताह लगातार योग के विषय को प्रचारित करिए, प्रसारित करिए, लोगों को जोडि़ए। एक प्रकार से यह स्वास्थ्य को रोगों से बचाव का आंदोलन ही है। पीएम ने कहा कि आप तीन पीढ़ियों के साथ योग करने की तस्वीर भी मेरे साथ शेयर करें।

स्वच्छता को बनाए जन आंदोलन
स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि कूड़ा कचरे को कबाड़ नहीं बल्कि संसाधन मानते हुए इसके प्रबंधन की नए तौर तरीके विकसित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रमुख चार हजार शहरों में ठोस और गीले कचरे के लिए अलग-अलग डिब्बा रखने की योजना बनाई है। इसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस 5 जून से लागू किया जाएगा। ठोस कचरे के लिए नीला तथा गीले कचरे के लिए हरा डिब्बा रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंंबई के वर्सोवा तट और जम्मूू-कश्मीर के रियासी ब्लॉक का जिक्र करते हुए कि ये दोनों स्थानों ने जनता के सहयोग से स्वच्छता की मिसाल कायम की है। स्थानीय महिलाओं के सहयोग से रियासी ब्लॉक को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा सका है जबकि वर्सोवा तट को नागरिकों से आपसी सहयोग और महीनों की मेहनत के बाद स्वच्छ किया है। उन्होंने कहा कि यह केवल जन आंदोलन से ही संभव हुआ है।


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