'प्रेरक, अद्भुत'...मन की बात में बोले PM मोदी, साल 2022 में हुआ एक भारत- श्रेष्ठ भारत का विस्तार

punjabkesari.in Sunday, Dec 25, 2022 - 11:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है। अगस्त के महीने में चला ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भला कौन भूल सकता है, वो पल थे हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो जाते थे। आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया। रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि साल 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा, ये है- ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का विस्तार।"

 

पीएम मोदी ने कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तो तिरंगे के साथ Selfie भी भेजीं। आजादी का यह अमृत महोत्सव अभी अगले साल भी ऐसे ही चलेगा - अमृतकाल की नींव को और मजबूत करेगा। बता दें कि साल 2022 का यह आखिरी मन की बात है, इसके बाद अब पीएम मोदी अगले साल 2023 में लोगों से फिर जुड़ेंगे।

 

Mann Ki Baat के प्रमुख अंश

  • गुजरात के माधवपुर मेला हो, जहां, रुक्मिणी विवाह, और, भगवान कृष्ण के पूर्वोतर से संबंधों को celebrate किया जाता है या फिर काशी-तमिल संगमम् हो, इन पर्वों में भी एकता के कई रंग दिखे
  • 2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा। इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया।
  • इस साल भारत को G-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी मिली है | मैंने पिछली बार इस पर विस्तार से चर्चा भी की थी। साल 2023 में हमें G-20 के उत्साह को नई ऊँचाई पर लेकर जाना है, इस आयोजन को एक जन-आंदोलन बनाना है।
  •  आज दुनियाभर में धूमधाम से Christmas का त्योहार भी मनाया जा रहा है | ये Jesus Christ के जीवन, उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है। मैं आप सभी को Christmas की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।
  • "मुझे कोलकाता से आस्था जी का एक पत्र मिला है। इस पत्र में उन्होंने हाल की अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया है | वे लिखती हैं कि इस दौरान उन्होंने PM Museum देखने के लिए समय निकाला | इस Museum में उन्हें अटल जी की Gallery खूब पसंद आई।
  • कल 26 दिसम्बर को ‘वीर बाल दिवस’ है और मुझे इस अवसर पर दिल्ली में साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फ़तेह सिंह जी की शहादत को समर्पित एक कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा। देश, साहिबजादे और माता गुजरी के बलिदान को हमेशा याद रखेगा।"
  • हमारे यहां कहा जाता है – 
    यानि सत्य को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती, जो प्रत्यक्ष है, उसे भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।
  • सत्यम किम प्रमाणम , प्रत्यक्षम किम प्रमाणम |
  • मुझे ख़ुशी है कि Evidence- based medicine के युग में, अब योग और आयुर्वेद, आधुनिक युग की जाँच और कसौटियों पर भी खरे उतर रहे हैं।

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Content Writer

Seema Sharma

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