मोदी सरकार का बड़ा फैसला- मेडिकल की पढ़ाई की ख्वाहिश रखने वाले लाखों स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी
Monday, Mar 07, 2022 - 04:21 PM (IST)
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जहां दोनों देशों को भारी जान-माल का नुकसान झेलना पड़ रहा है वहीं यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने गए छात्रों का भी करियर दाव पर लग गया है। एक तरफ जहां मोदी सरकार आप्रेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों की वतन वापसी करवा रही है वहीं दूसरी तरफ भारत आए छात्रों को अब अपनी अधूरी रह गई शिक्षा का डर सता रहा है। लेकिन इन सब के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि देश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज जितनी ही फीस लगेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
सोमवार को जनऔषधि दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।
कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा।
— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2022
हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी: PM @narendramodi
पीएम मोदी ने बताया कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को निरंतर मजबूत कर रही है। आजादी के इतने दशकों के बाद भी देश में केवल एक AIIMS था, लेकिन आज देश में 22 AIIMS है। सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है।
इसके आगे पीएम मोदी ने बताया कि आज देश में 8,500 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खुले हैं। इसी साल जन औषधि केंद्र के जरिए गरीब को, मध्यम वर्ग को करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्रों के जरिए 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाएं बिकी हैं। अब तक करीब कुल 13,000 करोड़ रुपये की बचत लोगों को हुई है।