आयुर्वेद से कोरोना को हराने की तैयारी, PM मोदी ने बनाई टास्क फोर्स...ICMR से मिलकर करेगी काम

punjabkesari.in Sunday, Apr 12, 2020 - 02:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी कोई वेक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में आयुर्वेद और पारंपरिक दवाइयों के जरिए इस खतरनाक बीमारी पर काबू पाने की दिशा में ICMR जैसे संस्थान रिसर्च कर रहे हैं। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी AYUSH मंत्रालय के तहत एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो आयुर्वेद के जरिए COVID-19 का इलाज ढूंढने का काम करेगा। टास्क फोर्स ICMR के साथ मिलकर काम करेगा ताकि रिसर्च को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके और जल्द से कोरोना का कोई तोड़ मिले। केंद्रीय मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी ने एक टास्क फोर्स गठित किया है जो आयुर्वेद और पारंपरिक दवाइयों के मेडिकल फॉर्मूले को COVID-19 के खिलाफ वैज्ञानिक तरीके से प्रयोग करने की दिशा में काम करेगा जिससे आयुर्वेदिक पद्धति से कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज संभव हो सके। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार को अब तक 2000 प्रस्ताव मिले हैं, इनमें से कई सुझावों की वैज्ञानिक वैधता चेक करने के बाद उसे ICMR और अन्य रिसर्च संस्थानों को भेजा जाएगा। 

 

 AYUSH मंत्रालय ने बताए थे कई उपाय
AYUSH मंत्रालय ने पिछले दिनों कोरोना वायरस से बचने के कई उपाय बताए थे जैसे कि गर्म पानी पीने, हल्दी वाला दूध और, हर्बल चाय या फिर तुलसी, दालचीनी और काली मिर्च, सूकी अदरक का काढ़ा आदि पीने की सलाह दी। साथ ही मंत्रालय ने सुबह-शाम नाक की दोनों नथुनों में तिल, नारियल या देसी घी लगानेे की भी सलाह दी है। 

 

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ढूंढा वायरस का टारगेट प्लेस
वहीं अमेरिका के वैज्ञानिकों ने उस टारगेट को खोज लिया है जहां पर कोरोना वायरस की एंटीवायरस वैक्सीन असर करेगी। यानि दवा आपके शरीर में ठीक उसी जगह हमला करेगी जहां पर वायरस है। यह खोज अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की है। इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना वायरस यानी सार्स-सीओवी2 की संरचना 2002 में फैली सार्स महामारी के वायरस से 93 प्रतिशत मिलती है, यानी कोविड-19 के जीनोम सिक्वेंस सार्स वायरस के जीनोम सिक्वेंस से मिलते-जुलते हैं।


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Seema Sharma

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