स्वच्छ भारत मिशन अर्बन 2.0 लॉन्च, PM मोदी बोले-अब सड़क पर नहीं फेंके जाते टॉफी के रैपर
punjabkesari.in Friday, Oct 01, 2021 - 01:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के दूसरे चरण और अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) का शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त करना है। प्रधानंत्री ने कहा कि हमारे सफाईकर्मी सच्चे अर्थ में इस अभियान के महानायक हैं, उन्होंने कोरोना काल में भी अपना काम पूरा किया।
पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) योजना के तहत देश के पांच सौ शहरों में वेस्ट मैनेजमेंट को मजबूत करना, पीने के पानी की सुविधा को बेहतर करने का काम किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि देशभर में शौचालयों का निर्माण कर, सफाई अभियान चलाकर देश ने स्वच्छ भारत मिशन का पहला चरण पूरा किया, अब हमारा लक्ष्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है।
पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश
- 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का- ODF बनाने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है Garbage-Free शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना।
- मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है- ‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को Water secure cities’ बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।
- मैं इस बात से बहुत खुश होता हूं कि स्वच्छता अभियान को मजबूती देने का बीड़ा हमारी आज की पीढ़ी ने उठाया हुआ है। टॉफी के रैपर अब जमीन पर नहीं फेंके जाते, बल्कि पॉकेट में रखे जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे, अब बड़ों को टोकते हैं कि गंदगी मत करिए'।
- हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।
केंद्रीय शहरी एवं आवासन कार्य मंत्रालय (HUA) के एक अधिकारी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के दूसरे चरण का उद्देश्य सुविधाओं को बेहतर बनाना और नगर निकायों को ठोस कचरे के प्रसंस्करण को मौजूदा 70% से बढ़ाकर 100% तक ले जाना है। सरकार के मुताबिक SBM-U 2.0 का परिव्यय करीब 1.41 लाख करोड़ रुपए है। अधिकारी ने कहा कि HUA जल शक्ति मंत्रालय के साथ सहयोग करेगा ताकि SBM-ग्रामीण और जल जीवन मिशन के दूसरे चरण के साथ शहरों के बाहरी इलाकों में शहरी और ग्रामीण दोनों विशेषताओं वाले गांवों जैसे क्षेत्रों के लिए सम्मिलन सुनिश्चित किया जा सके।
अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय सहयोग और वित्त पोषण के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि SBM-U के पहले चरण में शौचालयों के निर्माण और शहरों को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, लेकिन इसके दूसरे चरण में सुविधाओं को बेहतर बनाने, सभी लैंडफिल को पुनः प्राप्त करने और नगरपालिका के ठोस कचरे के प्रसंस्करण को वर्तमान 70 प्रतिशत से 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य भी बनाया जाएगा। बयान में कहा गया कि ये प्रमुख मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत देने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्य 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मददगार होंगे।