नोटबंदी के दौरान गोपनीय भाषा का इस्तेमाल किया था PM मोदी ने

punjabkesari.in Friday, Dec 01, 2017 - 10:09 AM (IST)

नेशनल डैस्कः सदियों से प्रत्येक बादशाह की अपनी भाषा और कार्य पद्धति अलग तरह की होती थी। कुछ समय राजा-महाराजाओं ने हस्ताक्षरित भाषा को अपनाया था और आगे संदेश भेज देते थे। इससे साजिशों पर अंकुश लगता था। अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) भी सदियों पुरानी शिक्षा को अपना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंग्रेजी में अच्छी तरह बातचीत नहीं कर सकते।

वह हिंदी में बढिय़ा बोलते हैं मगर गुजराती में खुद को अधिक सुखद महसूस करते हैं। वह प्रात: के समय सबसे पहले गुजराती समाचार पत्र पढ़ते हैं। भीतरी सूत्रों ने बताया कि जब कभी किसी महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा की जानी हो और समय पर पी.एम.ओ. में अन्यों को इसकी जानकारी न हो तो गुजरात कैडर के उच्च रैंक के अधिकारी गुजराती में बात करते हैं।

मोदी ने उस समय अधिक सावधानी बरती जब नोटबंदी के मामले पर फैसला लिया जाना था। उन्होंने और उनके करीबी अधिकारियों, जिनमें से एक संबद्ध मंत्रालय का महत्वपूर्ण सचिव भी शामिल था, ने गुजराती में चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि उच्च रैंक के गुजराती कैडर के अधिकारी गुजराती में ही बोलना पसंद करते हैं इसलिए पी.एम.ओ. में जब अधिकारी केवल गुजराती में बातचीत शुरू करते हैं तो यह संकेत होता है कि एक महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा की जा रही है और इस संबंध में शीघ्र ही फैसला लिया जा सकता है।


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