वडोदरा को PM मोदी ने दी 21000 करोड़ की सौगात, बोले- सरकार ने पिछले 8 वर्षों में महिलाओं को सशक्त बनाया

punjabkesari.in Saturday, Jun 18, 2022 - 02:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 21वीं सदी में भारत के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण और उनकी प्रगति जरूरी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के जीवन को आसान बनाना और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत महिलाओं की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजना बना रहा है और फैसले ले रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए सभी दरवाजे खोल दिए हैं ताकि वे अपनी रुचि के क्षेत्रों में अपना करियर बना सकें - चाहे वह सशस्त्र बल हो या खदान। आदिवासी महिलाओं के लिए पोषण कार्यक्रम और कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए उनकी पसंद का करियर चुनने में आने वाली सभी बाधाएं हटा दी हैं।

 

महिलाओं का तेजी से विकास और सशक्तीकरण जरूरी
शनिवार को पीएम मोदी ने वडोदरा में 21000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इसमें करीब 16,332 करोड़ रुपए की 18 रेलवे परियोजनाएं भी शामिल हैं। पीएम ने गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर और भारतीय गति शक्ति विश्वविद्यालय के नए भवन की आधारशिला रखी। मोदी ने कहा, ‘‘21वीं सदी में भारत के विकास के लिए महिलाओं का तेजी से विकास और सशक्तीकरण जरूरी है। आज भारत महिलाओं की जरूरतों, आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रहा है, निर्णय ले रहा है। सशस्त्र बलों से लेकर खदानों तक, मेरी सरकार ने महिलाओं के लिए उनके पसंद के करियर में शामिल होने के लिए सभी दरवाजे खोल दिए हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने एक महिला के जीवन चक्र के सभी चरणों को ध्यान में रखते हुए कई नए कार्यक्रम बनाए हैं।

दो दशक पहले यहां कुपोषण एक बड़ी चुनौती थी
महिलाओं के जीवन को आसान बनाना, उनकी परेशानियों को कम करना और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर देना - ये हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से कुछ हैं।'' मोदी ने कहा कि जब उन्होंने दो दशक पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब कुपोषण एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा,‘‘खराब स्वास्थ्य न केवल एक मां को प्रभावित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों (उनके बच्चों) को भी प्रभावित करता है। दो दशक पहले यहां कुपोषण एक बड़ी चुनौती थी, जब गुजरात ने मुझे सेवा करने का मौका दिया था।'' उन्होंने 800 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना' की शुरुआत के बाद कहा कि तब से सरकार ने एक के बाद एक कदम उठाकर इस दिशा में काम करना शुरू किया और इसके सकारात्मक परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पोषण सुधा योजना, एक अन्य कार्यक्रम जो गर्भवती महिलाओं की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है, का विस्तार गुजरात के सभी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 1.36 लाख आदिवासी महिलाएं मासिक आधार पर लाभान्वित होंगी। प्रधानमंत्री ने आदिवासी आबादी में पाई जाने वाली ‘सिकल सेल एनीमिया' के बारे में भी बात की, और कहा कि यह आदिवासी क्षेत्रों में सदियों से मौजूद है, लेकिन उनसे पहले की कई सरकारें इसके प्रति उदासीन थीं। उन्होंने कहा कि बीमारी को खत्म करने के लिए उनकी सरकार ने एक समूह बनाया और बड़े कार्यक्रम चलाए, सैकड़ों केंद्र स्थापित किए और लाखों आदिवासियों की जांच कराई।

‘दूध संजीवनी योजना' जैसी कई योजनाएं चलाईं
मोदी ने कहा कि गुजरात ने हमेशा पोषण के मुद्दे पर ध्यान दिया और ‘दूध संजीवनी योजना' जैसी कई योजनाएं चलाईं, जो देश को एक दिशा दिखाने के लिए आगे बढ़ीं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी परियोजनाओं के लाभार्थियों की संख्या आज बढ़कर लगभग 58 लाख हो गई है।'' मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित कई महिला-उन्मुख परियोजनाओं का नाम लिया, जिनमें ई-ममता पोर्टल, सितंबर को 'पोषण माह', उज्ज्वला योजना, नल से जल और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत महिलाओं को आवंटित किए जा रहे मकानों के जरिये उन्हें 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक बना दिया गया है। 

 

 

 

 

 

 

 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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