15वें वित्त आयोग को लेकर PM मोदी की सफाई, कहा- सभी आरोप निराधार
punjabkesari.in Friday, Apr 13, 2018 - 05:22 AM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15वें वित्त आयोग के विचारणीय विषयों को लेकर लगाये जा रहे सभी आरोपों को आज निराधार बताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सहकारी संघवाद के प्रति संकल्पबद्ध हैं और सबका साथ, सबका विकास मंत्र के साथ काम कर रही है। पीएम ने ट्वीट का सहारा लेते हुए भरोसा दिलाया है कि वित्त आयोग के टर्म्स ऑफ रेफेरेंस में कोई गड़बड़ी नहीं है और न ही इसके जरिए किसी राज्य विशेष अथवा क्षेत्र को केन्द्रीय राजस्व आवंटन में कोई नुकसान होगा।
A baseless allegation is being made about the Terms of Reference of the 15th Finance Commission, being biased against certain states or a particular region: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 12, 2018
पीएम ने कहा कि ये आरोप लगाये जा रहे हैं कि वित्त आयोग कुछ राज्यों और क्षेत्र विशेष के साथ भेदभाव कर रहा है। आलोचकों ने यह भुला दिया है कि केन्द्र सरकार ने वित्त आयोग को ऐसे राज्यों को प्रोत्साहन देने पर विचार करने का सुझाव दिया है, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए अच्छा कार्य किया है। इससे जनसंख्या नियंत्रण के लिए ऊर्जा एवं संसाधन लगाने वाले तमिलनाडु जैसे राज्य को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा, जबकि पहले ऐसा नहीं किया जाता था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सहकारी संघवाद के प्रति संकल्पबद्ध हैं। उनकी सरकार का मंत्र सबका साथ सबका विकास है। सब लोग मिलकर नया भारत बनाने के लिए काम करें जिससे स्वंतत्रता सेनानियों का सपना साकार होगा।
The Union Government has suggested to the Finance Commission to consider incentivizing States who have worked on population control. Thus, a state like Tamil Nadu, which has devoted a lot of effort, energy and resources towards population control would certainly benefit: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 12, 2018
जेतली भी दे चुके हैं सफाई
बता दें कि वित्त आयोग को ऐसे राज्यों के लिए कुछ खास प्रोत्साहन दिए जाने के निर्देश हैं जिन राज्यों ने अपने यहां जनसंख्या नियंत्रण को लेकर खास उपाय और प्रयास किए हैं। लिहाजा तमिलनाडु जैसे राज्य जिन्होंने अपने यहां जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए बड़े प्रयास, ऊर्जा और संसाधन लगाए हैं उन्हें निश्चित तौर पर फायदा होगा।इसी कारण से कुछ दक्षिणी राज्य ये आरोप लगा रहे हैं कि उनके साथ राजकीय आवंटन में भेदभाव हो सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने भी इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि टीओआर में कम आबादी वाले राज्यों के साथ भेदभाव जैसी कोई बात नहीं है।