कांग्रेस छोड़ सकते हैं पायलट, नई पार्टी का कर सकते हैं ऐलानः सूत्र
punjabkesari.in Tuesday, Jun 06, 2023 - 04:08 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राजस्थान की सियासत में फिर भूचाल आने वाला है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका देने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट कांग3स पार्टी छोड़ सकते हैं और नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। दरअसल, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोग गहलोत और सचिन पायलट के बीच की दूरी किसी से छिपी नहीं है। दोनों नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते आए हैं। यह खाई तब और बढ़ गई, जब सचिन पायलट साल 2020 में कुछ विधायकों के साथ गुरुग्राम के एक होटल पहुंच गए थे। तब उनपर आरोप लगा कि वह भाजपा के साथ मिलकर अपनी ही सरकार को गिराना चाहते हैं।
राजस्थान में दो पार्टियां रजिस्टर्ड, एक के नाम का ऐलान कर सकते हैं पायलट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान में दो पार्टियां रजिस्टर्ड हुई हैं। इनमें से एक पार्टी का नाम प्रगतिशील कांग्रेस और दूसरी पार्टी का नाम राज जन संघर्ष पार्टी है। इन दोनों में से किसी एक नाम का ऐलान सचिन पायलट कर सकते हैं।
नई पार्टी के नाम का रथ भी तैयार, पूरे राजस्थान का दौरा करेंगे पायलट
पायलट अपने इस बड़े ऐलान से पहले मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए नई पार्टी के नाम का रथ भी तैयार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक इस रथ को लेकर पूरे राजस्थान का दौरा करेंगे। इस रथ यात्रा का रोड मैप भी तैयार कर लिया गया है। सचिन पायलट का दौरा मारवाड़ से शुरू हो सकता है।
अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं पायलट
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार व राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के खिलाफ जनसंघर्ष पद यात्रा भी निकाली थी। वे भ्रष्टाचार के आरोपों पर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेर रहे हैं। लेकिन चुनावी साल में केंद्रीय नेतृत्व अशोक गहलोत को हटाकर कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता है। इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस यहां फिर से अपनी सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है।
दिल्ली में खरगे और राहुल से की थी मुलाकात
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत से अलग-अलग मुलाकात कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने मीडिया में आकर कहा कि दोनों नेताओं से बातचीत हो गई है, राजस्थान में दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को मजबूत करेंगे। इस दौरान राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी भी मौजूद थे।
क्यों बढ़ी तल्खी
राजस्थान में साल 2018 में सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर सत्ता में वापसी की थी। जीत का श्रेय सचिन पायलटय को दिया गया। लेकिन जब मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा हुई, तो उसमें अशोक गहलोत बाजी मार गए। अशोक गहलोत उस समय दिल्ली में थे और कांग्रेस महासचिव का कार्यभार देख रहे थे। सोनिया गांधी के करीबी होने के नाते कांग्रेस ने अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया था।