ईरान में जयशंकर का ऐलान- फारसी भी भारत की 9 शास्त्रीय भाषाओं में होगी शामिल
punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2024 - 02:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत फ़ारसी को भारत की नौ शास्त्रीय भाषाओं में से एक के रूप में शामिल करने का फैसला लिया है। यह निर्णय उनके सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
ईरान की दो दिवसीय यात्रा पर आए एस जयशंकर ने सोमवार को अपने ईरानी समकक्ष एच अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ एक joint press conference में ये बात कही। इससे पहले 2004 में तमिल को भारत की पहली शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला था। बाद में इस सूची में संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और उड़िया अन्य भाषाओं का नाम जुड़ा।
भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार, "इन शास्त्रीय भाषाओं के अलावा पाली, फ़ारसी और प्राकृत; और उनके साहित्य के कार्यों को भी उनकी समृद्धि और भावी पीढ़ी के आनंद और संवर्धन के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्री ने कहा, "विदेश मंत्री और मैंने विशेष रूप से इसके राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन स्वाभाविक रूप से इसके अन्य क्षेत्र भी थे।" "हमारे लोगों के बीच संपर्क लंबे समय से एक ताकत रहे हैं। ईरान और भारत हमारे गहरे सांस्कृतिक, साहित्यिक और भाषाई संबंधों से एकजुट हैं, जो पर्यटकों, छात्रों, कलाकारों, एथलीटों और विद्वानों के बढ़ते आदान-प्रदान के लिए एक अद्वितीय आधार बनाते हैं। हमने चर्चा की कि हम अपने सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों को बेहतर तरीके से कैसे जोड़ सकते हैं,'' एस जयशंकर ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावना पर जोर दिया।