भारत कभी अपराधियों को पीड़ितों के समकक्ष रखने को स्वीकार नहीं करेगा: जयशंकर

punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 12:21 AM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ व्यापक वार्ता के दौरान शनिवार को कहा कि भारत अपने सहयोगी देशों से यह अपेक्षा करता है कि वे आतंकवाद को कतई बर्दाशत नहीं करने की उसकी नीति को समझें। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी 'अपराध करने वालों' को पीड़ितों के समकक्ष रखने को स्वीकार नहीं करेगा। जयशंकर की यह टिप्पणी उस पृष्ठभूमि में आई है जब पिछले माह भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिन के सैन्य संघर्ष के बाद कई देशों द्वारा दोनों को एक ही तराजू पर तौलने को लेकर नयी दिल्ली में असहजता महसूस की जा रही है।

विदेश मंत्री की यह टिप्पणी वैश्विक समुदाय को स्पष्ट संदेश देने का प्रयास प्रतीत होती है। आज सुबह दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटों बाद लैमी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की, जिन्होंने सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में ब्रिटेन के समर्थन की सराहना की। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की, जबकि मोदी ने आतंकवाद और इसका समर्थन करने वालों के खिलाफ निर्णायक अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उल्लेखनीय प्रगति में उनके महत्वपूर्ण योगदान की (मैं) सराहना करता हूं, जिसे हाल ही में संपन्न एफटीए से और मजबूती मिली है। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में ब्रिटेन के समर्थन की (मैं) सराहना करता हूं।” विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोदी ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते और दोहरे योगदान समझौते (डीसीसी) के हाल ही में संपन्न होने को एक “रणनीतिक मील का पत्थर” बताया, जो विविध क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं को खोलेगा। लैमी के साथ बैठक के दौरान टेलीविज़न पर प्रसारित अपने संबोधन में जयशंकर ने “बर्बर” पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करने के लिए ब्रिटेन का आभार व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में लंदन द्वारा दिखाई गई एकजुटता और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का अनुसरण करते हैं और अपने सहयोगी देशों से अपेक्षा करते हैं कि वे इसे समझें। साथ ही, हम कभी भी अपराधियों को पीड़ितों के समकक्ष रखने को स्वीकार नहीं करेंगे।" माना जाता है कि भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की सरजमीं से चलने वाले सीमापार आतंकवाद से निपटने की अपनी चुनौती को स्पष्ट किया। ब्रिटेन उन देशों में शामिल था जो पिछले माह 7-10 मई तक सैन्य संघर्ष के दौरान तनाव को कम करने के प्रयास में भारत और पाकिस्तान दोनों के संपर्क में थे। लैमी 16 मई को इस्लामाबाद की दो दिवसीय यात्रा पर भी गए थे जिस दौरान उन्होंने सैन्य संघर्ष रोकने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के बीच 10 मई को बनी सहमति का स्वागत किया।

जयशंकर ने हाल में हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते और दोहरे अंशदान समझौते को ‘‘वास्तव में मील का पत्थर'' बताया। जयशंकर ने कहा, ‘‘हाल में हुआ भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता और दोहरा अंशदान समझौता वास्तव में एक मील का पत्थर है जो न केवल हमारे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि हमारे संबंधों के अन्य रणनीतिक पहलुओं पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।'' ब्रिटेन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि विदेश मंत्री लैमी ने ''प्रवासन साझेदारी, जिसमें दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा के लिए चल रहा कार्य शामिल है'', में हुई प्रगति का भी स्वागत किया। 


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News Editor

Parveen Kumar

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