भारतीय हॉकी खिलाड़ी का दर्द: 'लोग हमें छोड़कर डॉली चायवाला संग सेल्फी ले रहे थे'

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 12:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिससे न केवल खेल जगत, बल्कि सामान्य जनता में भी चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। हार्दिक ने बताया कि जब वह और उनकी ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता टीम एयरपोर्ट पर थीं, तब वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब लोग डॉली चायवाला के साथ सेल्फी लेने में व्यस्त थे, जो हाल ही में एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा में आए हैं। 

एयरपोर्ट पर हुई घटना का विवरण
हार्दिक सिंह, जिन्होंने हाल ही में पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता, ने SMTV के यूट्यूब चैनल पर एक पॉडकास्ट इंटरव्यू के दौरान इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वे अपने साथी खिलाड़ियों हारमनप्रीत सिंह और मनदीप सिंह के साथ एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इस दौरान, जबकि वे भारतीय हॉकी के स्टार खिलाड़ी हैं, वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पहचानने के बजाय डॉली चायवाला के साथ सेल्फी लेने में अधिक रुचि दिखाई। हार्दिक ने कहा, "हम पाँच-छह लोग थे। हारमनप्रीत, मनदीप और मैं। लोग हमें पहचानने के बजाय डॉली चायवाला के साथ फोटो खिंचवा रहे थे। हारमनप्रीत ने भारत के लिए 150 से ज्यादा गोल किए हैं और मनदीप के पास 100 से अधिक फील्ड गोल हैं। फिर भी हमें किसी ने नहीं पहचाना। यह देखना बेहद दुखद था।"

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
इस वीडियो क्लिप के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा, "यह बेहद दुखद है कि हमारे देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को कोई नहीं पहचानता और एक चाय बेचने वाले को इतनी तवज्जो मिल रही है।" कुछ अन्य यूजर्स ने कहा कि यह घटना यह दर्शाती है कि हमें सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि सभी खेलों का सम्मान करना चाहिए। यह मुद्दा विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब हम देखते हैं कि कैसे क्रिकेट को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया जाता है, जबकि अन्य खेलों के खिलाड़ियों को उतनी पहचान नहीं मिलती।
 

डॉली चायवाला की पहचान और लोकप्रियता
डॉली चायवाला हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ एक वायरल सहयोग के बाद चर्चा में आए हैं। वह अपने विशेष चाय बनाने के अंदाज के लिए प्रसिद्ध हैं और उनकी चाय को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह इवेंट्स के लिए ₹5 लाख तक की फीस लेते हैं। उनकी लोकप्रियता ने उन्हें एक आइकन बना दिया है, लेकिन क्या यह सही है कि एक चाय बेचने वाले की पहचान खेलों के राष्ट्रीय हीरो से अधिक हो जाए? 

खिलाड़ियों की पहचान का मुद्दा
यह घटना एक बार फिर भारत में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में खिलाड़ियों की पहचान के मुद्दे को सामने लाती है। जब हार्दिक और उनके साथी खिलाड़ी एयरपोर्ट पर अपने देश का गौरव बढ़ाने के बाद भी अनजान रहे, तो यह एक गंभीर प्रश्न खड़ा करता है कि क्यों हमारे समाज में ओलंपिक जैसे खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को वह पहचान और सम्मान नहीं मिलता, जिसके वे हकदार हैं। इस घटना ने खेलों के प्रति लोगों के नजरिए को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है। भारतीय हॉकी खिलाड़ियों के प्रति यह अनदेखी न केवल निराशाजनक है, बल्कि यह दर्शाती है कि हमारे समाज में खेलों के प्रति जागरूकता और सम्मान की आवश्यकता है। हमें सभी खेलों के खिलाड़ियों को पहचानने और सम्मानित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे असमानता का सामना न करना पड़े। 

 


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Content Editor

Mahima

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