आर्थिक विकास के जरिए ही अफगानिस्तान में शांति संभव: हार्ट ऑफ एशिया

punjabkesari.in Tuesday, Aug 08, 2017 - 01:34 AM (IST)

नई दिल्ली(रंजीत): अफगानिस्तान में तालीबान के जरिए अस्थिरता पैदा करने की पाकिस्तान की कोशिशों के बीच हार्ट ऑफ एशिया के देशों ने आम राय से कहा है कि वहां शांति व स्थिरता लाने के लिए आर्थिक विकास ही एक जरिया हो सकता है। 

यहां हार्ट ऑफ एशिया के 17 भागीदार देशों की अफगानिस्तान के आर्थिक विकास पर एक अहम बैठक हुई। बैठक में भागीदार देशों ने सहमति से कहा कि अफगानिस्तान में शांति व स्थिरता लाने के लिए आर्थिक विकास एक महत्वपूर्ण पहलू है। हार्ट ऑफ एशिया और इस्तांबुल प्रोसैस के तहत आयोजित विश्वास निर्माण उपायों के लिए क्षेत्रीय तकनीकी दल की 6वीं बैठक की मेजबानी भारत ने की है। इस बैठक में पाकिस्तान, अमरीका सहित 17 देशों और संयुक्त राष्ट्र व यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

यहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक बैठक में भाग ले रहे प्रतिनिधियों ने इस विचार से सहमति जाहिर की कि क्षेत्रीय सम्पर्क और आर्थिक एकीकरण के लिए अफगानिस्तान एक स्वाभाविक पुल के तौर पर काम करेगा। इस इरादे से भागीदार देशों ने कहा कि अफगानिस्तान से होकर व्यापार एवं पारमगन को बढ़ावा दिया जाए और अफगानिस्तान को व्यापार एवं पारगमन का गढ़ बनाया जाए। इसके लिए क्षेत्र के देशों के बीच मौजूदा व्यापार एवं पारगमन संधियों को अधिक समावेशी बनाया जाए ताकि दक्षिण एशिया को मध्य एशिया से जोड़ा जाए। चाबाहार बंदरगाह के विकास और यहां से होकर पारगमन एवं परिवहन को बढ़ावा देने के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच संधि पर देशों ने सकारात्मक राय दी। 

भारत और अफगानिस्तान के बीच हवाई व्यापार गलियारा की स्थापना की भी सभी देशों के प्रतिनिधियों ने सराहना की। भारतीय प्रतिनिधि दीपक मित्तल ने बताया कि द्विपक्षीय आधार पर भी भारत अफगानिस्तान के अधिकारियों को विश्व व्यापार संगठन से जुड़े मसलों के बारे में भारतीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा ट्रेनिंग देने की भी पहल की गई है। हार्ट ऑफ एशिया के 17 देशों के प्रतिनिधियों की बैठक की सह-अध्यक्षता अफगानिस्तान और भारत के अधिकारियों ने की। इस बैठक में किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की ए तुर्कमेनिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, आस्ट्रेलिया, मिस्र, जर्मनी, ब्रिटेन, अमरीका, अजरबेजान, रूस, ईरान, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


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