कोरोना से ठीक हुए मरीज हो रहे मानसिक रूप से बीमार, सामने आ रही ये समस्याएं
punjabkesari.in Wednesday, Oct 07, 2020 - 09:24 AM (IST)
नेशनल डेस्कः भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वायरस का कहर अब भी जारी है। कोरोना वायरस लोगों की सोच से ज्यादा खतरनाक हैं, एक तो इसकी अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है दूसरा यह लोगों को शारीरिक तौक पर ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी बीमार कर रहा है। जिनकी इम्युनिटी कमजोर है कोरोना वायरस उन पर जल्द अटैक करता है जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
जो लोग कोरोना से ठीक हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई उसका कारण है कि वायरस ने उन लोगों के मस्तिष्क पर गहरा आघात किया। एक शोध में यह बात सामने आई है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में से अस्पताल में भर्ती हर 5 में से 4 मरीज के अंदर न्यूरोलॉजी से संबंधी लक्षण पाए गए हैं। शोध के मुताबिक यह खतरनाक वायरस अब इंसानों के तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इन लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, भ्रम, चक्कर आना, स्वाद का न रहना शामिल हैं।
शोध में क्या
कोरोना मरीज के ठीक होने के बाद स्ट्रोक का शिकार होना, नसों में शिथिलता, लकवा, चेहरे का टेढ़ापन और एक आंख का ठीक से न खुलना आदि परेशानियां शामिल हैं। शोध में शामिल शोधकर्ता और शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन में न्यूरो-संक्रामक रोग के प्रमुख इगोर कोरलनिक के अनुसार इसमें हल्के मानसिक भ्रम से लेकर कोमा तक की स्थिति शामिल हैं। शोध में अस्पताल में भर्ती 509 कोरोना मरीजों में न्यूरोलॉजिक लक्षणों की गंभीरता को दर्शाया है।
एनल्स ऑफ क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि जिन लोगों को सांस संबंधी हल्की समस्याएं या लक्षण हैं, जो लंबे समय तक नहीं रहती हैं, वे अभी भी लंबे समय से लक्षणों के खतरे में हैं। शोध में कहा गया कि अगर डॉक्टरों को मस्तिष्क से जुड़े लक्षण और बीमारियों के संकेत संक्रमण से ठीक हुए लोगों में नजर आए तो समय रहते पहचान कर उपचार और देखभाल के लिए तैयार रहें।