नए साल से ठीक पहले भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता...दहशत में लोग
punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 10:34 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः नए साल की पूर्व संध्या पर जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। 31 दिसंबर को जापान के नोडा शहर के पास रिक्टर स्केल पर 6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नोडा शहर से करीब 91 किलोमीटर पूर्व में स्थित था।
भूकंप की गहराई लगभग 19.3 किलोमीटर मापी गई। इसका एपिसेंटर 40.112° नॉर्थ और 142.889° ईस्ट पर दर्ज किया गया। राहत की बात यह रही कि इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

असम और लद्दाख में हलचल
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में भी दो अलग-अलग हिस्सों में भूकंप दर्ज किया गया। असम के डिमा हसाओ में रात 9:04 बजे 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र जमीन से मात्र 5 किलोमीटर नीचे था।

इससे पहले, शाम 7:35 बजे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (लेह) में 3.7 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। इसकी गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई।
12 दिसंबर को भी जापान में आया था तेज भूकंप
इससे पहले 12 दिसंबर को जापान में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने अलर्ट जारी किया था। उस समय USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र होन्शू द्वीप के इवाते प्रांत में कुजी शहर से करीब 130 किलोमीटर (81 मील) दूर था। हाल ही में आया यह भूकंप उसी घटना के कुछ ही हफ्तों बाद दर्ज किया गया है।
8 दिसंबर को आया था 7.5 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप
इससे पहले 8 दिसंबर को जापान में रिक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। उस दौरान प्रशांत तट के पास 50 सेंटीमीटर तक की सुनामी भी दर्ज की गई थी। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, यह सुनामी होक्काइडो प्रांत के उराकावा शहर और आओमोरी प्रांत के मुत्सु-ओगावारा बंदरगाह तक पहुंची थी। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए थे।
जापान में इतने ज्यादा भूकंप क्यों आते हैं?
जापान की भौगोलिक स्थिति इसे भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील बनाती है। जापान पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र की चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के ऊपर स्थित है। इसी वजह से यह देश दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप संभावित क्षेत्रों में शामिल है। करीब 12.5 करोड़ की आबादी वाला जापान हर साल औसतन 1500 भूकंप झेलता है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर भूकंप हल्की तीव्रता के होते हैं और जमीन की गहराई में ही रिकॉर्ड हो जाते हैं, जिससे बड़े नुकसान से बचाव हो जाता है।
