मुंबई में Ola-Uber हड़ताल का तीसरा दिन: यात्री परेशान, अब तक सरकार से नही बनी बात
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 04:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई में ओला और उबर ड्राइवरों की हड़ताल गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रही, जिससे शहर के यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ड्राइवरों की मांगें नहीं माने जाने के कारण सरकार से उनकी बातचीत नाकाम रही है।
ड्राइवरों की मुख्य मांगें क्या हैं?
ड्राइवरों की कुछ खास मांगें हैं, जिनमें शामिल हैं:
फिक्स्ड बेस प्राइस: ड्राइवर चाहते हैं कि उन्हें काली-पीली टैक्सियों की तरह ही एक निश्चित शुरुआती किराया (फिक्स्ड बेस प्राइस) मिले।
कमीशन दरों में कमी: ओला और उबर जैसी कंपनियां ड्राइवरों से जो कमीशन लेती हैं, उसे कम करने की मांग की जा रही है।
बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध: ड्राइवर बाइक टैक्सी सेवाओं (जैसे रैपिडो) पर रोक लगाने की भी मांग कर रहे हैं।
Rapido को मिल रहा फायदा
ओला और उबर की हड़ताल के कारण रैपिडो (Rapido) जैसी बाइक टैक्सी सेवाओं की सवारी बढ़ गई है। एक रैपिडो ड्राइवर ने बताया कि ओला और उबर ज्यादा कमीशन लेते हैं, जबकि रैपिडो ऐसा नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि रैपिडो अपने सब्सक्रिप्शन कोटा पूरा होने के बाद भी बुकिंग लेता रहता है।
काली-पीली टैक्सी और ऐप-आधारित कैब के किराए में अंतर
मुंबई में काली-पीली टैक्सियों का शुरुआती किराया 1.5 किलोमीटर के लिए ₹31 है, और उसके बाद हर किलोमीटर के लिए ₹20.6 लगते हैं। इसके मुकाबले, ओला और उबर का शुरुआती किराया गाड़ी के मॉडल और कैटेगरी के हिसाब से बदलता रहता है।
MVAG गाइडलाइंस का असर
मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस (MVAG) के अनुसार, किराए पर 0.5% से 1.5% तक की सीमा (कैप) रहेगी, जिसमें सर्ज चार्ज (मांग बढ़ने पर लगने वाला अतिरिक्त शुल्क) भी शामिल होगा। हालांकि, ये गाइडलाइंस एक निश्चित किराए (फिक्स्ड रेट्स) का समर्थन नहीं करती हैं। सरकार लचीली किराया प्रणाली (फ्लेक्सिबल फेयर सिस्टम) को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि उसका मानना है कि इससे ड्राइवर और यात्री दोनों को फायदा होता है।