पैरानॉर्मल एक्टिविस्ट क्या सच में करतें हैं भूतों से बात? जानें यह कैसे करते हैं काम

punjabkesari.in Friday, Dec 19, 2025 - 10:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क। फिल्मों और वेब सीरीज में आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग अंधेरे कमरों में अजीबोगरीब मशीनों के साथ आत्माओं से बात करने का दावा करते हैं। इन्हें पैरानॉर्मल एक्टिविस्ट या एक्सपर्ट (Paranormal Expert) कहा जाता है। हालांकि विज्ञान अब तक आत्माओं के अस्तित्व या उनसे बात करने के किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है लेकिन फिर भी ये एक्सपर्ट्स कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के दम पर डरावनी जगहों की जांच करते हैं।

आइए जानते हैं कि इन जांचों के पीछे असल में कौन सी तकनीक काम करती है और इन टूल्स का वैज्ञानिक आधार क्या है।

पैरानॉर्मल जांच में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख टूल्स

पैरानॉर्मल एक्टिविस्ट कई तरह के गैजेट्स का उपयोग करते हैं। उनका मानना है कि आत्माएं ऊर्जा का रूप होती हैं और वे इन मशीनों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं।

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1. EMF मीटर (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड मीटर)

इसका उपयोग किसी क्षेत्र में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। आत्माएं सुपरनैचुरल ऊर्जा के रूप में मौजूद होती हैं। यदि किसी खाली जगह पर अचानक इस मीटर की रीडिंग बढ़ जाती है तो वे इसे 'भूत' की मौजूदगी मानते हैं। बिजली के तार, मोबाइल सिग्नल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी इस मीटर की रीडिंग बढ़ा सकते हैं।

2. थर्मल कैमरा (Thermal Camera)

यह उपकरण पैरानॉर्मल जांच में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि यह तापमान के बदलाव को रंगों (हीट मैप) के जरिए दिखाता है। आत्माएं प्रकट होने के लिए आसपास के वातावरण से गर्मी सोखती हैं जिससे वहां अचानक तापमान गिर जाता है (जिसे 'कोल्ड स्पॉट' कहा जाता है)। थर्मल कैमरा इस अदृश्य ठंडी ऊर्जा को ढूंढ निकालता है। खिड़की से आती हवा या दीवार के पीछे की पाइपलाइन भी तापमान में बदलाव का कारण हो सकती है।

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3. इंफ्रारेड थर्मामीटर

इसका उपयोग किसी वस्तु को छुए बिना उसका सटीक तापमान मापने के लिए किया जाता है। पैरानॉर्मल एक्सपर्ट इसका इस्तेमाल कमरे के अलग-अलग कोनों के तापमान में हुए अचानक उतार-चढ़ाव को नोट करने के लिए करते हैं।

 

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4. मोशन डिटेक्टर (Motion Detector)

यह उपकरण वातावरण में होने वाली किसी भी छोटी से छोटी हलचल को पकड़ लेता है। यदि किसी बंद और खाली कमरे में मोशन डिटेक्टर सक्रिय हो जाता है तो माना जाता है कि वहां कोई अदृश्य शक्ति चल रही है।

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संवाद स्थापित करने का दावा

तकनीकी उपकरणों के अलावा कई एक्सपर्ट्स 'स्पिरिट बॉक्स' या सीधे संवाद का सहारा लेते हैं। वे अंधेरे में बैठकर सवाल पूछते हैं जैसे— "क्या यहां कोई है?" या "आपका नाम क्या है?"। वे रेडियो तरंगों के बीच आने वाली किसी भी 'सफेद शोर' (White Noise) या आवाज को आत्माओं का जवाब मान लेते हैं।

क्या है असलियत?

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि पैरानॉर्मल घटनाओं के पीछे अक्सर 'पैरिडोलिया' (Pareidolia) नामक स्थिति होती है। यह वह मानसिक स्थिति है जिसमें इंसान रैंडम आवाजों में शब्द और रैंडम आकृतियों में चेहरे देखने लगता है। इसके अलावा पुराने घरों में इंफ्रासाउंड (Infrasound) और ड्राफ्ट (हवा के झोंके) भी लोगों को डर का अहसास कराते हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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