तनाव में पैरामिलिट्री जवान,  7 साल में CRPF के 20,684 अफसरों और जवानों ने छोड़ी नौकरी

punjabkesari.in Thursday, Dec 27, 2018 - 11:45 AM (IST)

जालंधर(विशेष): देश की सुरक्षा में तैनात जवानों का तनाव और दूसरी वजहों से नौकरी से मोह भंग हो रहा है, जिसके चलते अफसर और जवान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। साल 2011 से 2017 तक अकेले सी.आर.पी.एफ. में ही 20,684 अफसर और जवान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। अकेले सी.आर.पी.एफ. ही नहीं, दूसरी पैरामिलिट्री फोर्सेस में भी जवान नौकरियां छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में जा रहे हैं। यह हाल तब है जब सरकार रक्षा बजट में बढ़ौतरी कर रही है। देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने का दावा किया जा रहा है। पिछले 3 साल में पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों में नौकरी छोडऩे का ट्रैंड लगभग 4 गुना तक बढ़ गया है। बेहतर करियर की चाह में पिछले 3 साल (2015 से 2017 तक) में 14,587 अधिकारियों और जवानों ने स्वेच्छा से अद्र्ध सैनिक बलों की नौकरी छोड़ी है, जिनमें सी.आर.पी.एफ. के 6,815 अधिकारी और जवान शामिल हैं।

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विगत में गृह मंत्रालय की तरफ  से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में बी.एस.एफ., सी.आर.पी.एफ., आई.टी.बी.पी., एस.एस.बी., सी.आई.एस.एफ . और असम राइफल के 14,587 जवानों और अधिकारियों ने वी.आर.एस. ली है जबकि 2015 में यह आंकड़ा 3,425 ही था। आंकड़ों को बारीकी से देखा जाए तो सी.आर.पी.एफ. और बी.एस.एफ . के जवानों में नौकरी छोडऩे का ट्रैंड सबसे ज्यादा है। 

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ज्ञात हो कि इन दोनों ही फोर्सेस (सी.आर.पी.एफ. और बी.एस.एफ.) को बॉर्डर पर सुरक्षा के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से भी बहुत अहम माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक बी.एस.एफ. पर बंगलादेश और पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में देश की सुरक्षा का जिम्मा है। 2015 से 2017 के बीच 7,324 लोगों ने बी.एस.एफ . की नौकरी छोड़ दी। दूसरी तरफ  देश की आंतरिक सुरक्षा खास तौर पर नक्सल प्रभावित और जम्मू-कश्मीर इलाकों में सुरक्षा का जिम्मा सी.आर.पी.एफ. के जवानों पर है। 

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बुलेट से ज्यादा बीमारी के कारण मर रहे जवान
साल 2010 से लेकर अब तक उतने जवानों की मौतें बुलेट से नहीं हुईं जितनी तनाव के चलते हार्ट अटैक और दूसरी बीमारियों से हुई हैं। इन 8 सालों में 798 जवानों की मौत का कारण केवल हार्ट अटैक रहा, जबकि विभिन्न ऑप्रेशनों के दौरान 391 जवान साल 2010 से लेकर 2017 के बीच शहीद हुए हैं। इसी तरह कैंसर से 334 जवानों की मौत हुई है जबकि 94 जवानों की मौत मलेरिया और 6 जवानों की मौत सांप के काटने से हुई है।

किन कारणों से नौकरी छोड़ रहे जवान
पैरामिलिट्री फोर्स खासकर सी.आर.पी.एफ. में अधिकारी और जवान अन्य कारणों सहित ड्यूटी के फिक्स आवर नहीं होने के कारण तनाव में हैं। 12 से 14 घंटे तक बिना छुट्टी के रोज ड्यूटी पर रहने के कारण जवानों में तनाव बढ़ रहा है। दूसरा कारण है दूर-दराज क्षेत्र और घर से दूर ड्यूटी। होम सिकनैस और घरेलू कारण भी इनमें शामिल हैं। ऐसी गृह मंत्रालय की रिपोर्ट भी है। वहीं ग्रुप सैंटर, प्रशिक्षण संस्थान और बटालियन जैसे सामरिक ठिकानों पर तैनात 3,24,093 जवानों की स्वीकृत संख्या में से केवल 25 प्रतिशत कर्मचारी (88,168) अधिकारी और जवान ही अपने संतुष्टि वाले क्षेत्रों में तैनात हैं। जिन 88,168 अधिकारियों और जवानों को आवास मिले हैं उनमें भी 12,014 आवास अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। पैरामिलिट्री पैनल के मुताबिक जो आवास दिए गए हैं उनका भी संतुष्टि लायक नहीं होना अधिकारियों और जवानों के तनाव का एक बड़ा कारण है। 

 


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Pardeep

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