अलविदा 2021: महामारी से तेलुगु सिनेमा को हुआ 2000 करोड़ का नुकसान, कई बड़ी हस्तियों ने दुनिया को किया अलविदा
punjabkesari.in Friday, Dec 31, 2021 - 01:41 PM (IST)
नेशनल डेस्क: देश-दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तरह ही तेलुगु फिल्म उद्योग को भी 2021 में कोविड-19 महामारी के बीच कला, कलाकारों और कमाई का नुकसान झेलना पड़ा। हालांकि, साल के अंत में स्थिति बेहतर होने के कुछ संकेत भी मिले है। भले ही नुकसान का स्तर 2020 जैसा नहीं था लेकिन यह उद्योग अब भी सामान्य स्थिति की तरफ बढ़ने में संघर्षों का सामना कर रहा है। पुरस्कार विजेता गीतकार सिरीवेन्नेला सीताराम शास्त्री का बीमारी की वजह से निधन हो गया और कई भाषाओं की फिल्मों में नृत्य कोरियोग्राफर रहे शिवशंकर मास्टर भी नवंबर में कोविड-19 की वजह से इस दुनिया से चले गए। इन दिग्गजों के जाने से जो सूनापन पैदा हुआ, उसे भरा नहीं जा सकता है।
महामारी की वजह से कई फिल्मों की शूटिंग भी रूकी रही। ‘बाहुबली' फिल्म के निर्माता एस एस राजामौली की ‘आरआरआर' को भी शूटिंग की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी। तेलुगु फिल्म जगत के सूत्रों के अनुसार, राम चरण और जूनियर एनटीआर की यह फिल्म अगले साल सात जनवरी को रिलीज होने वाली है। वहीं, प्रभास की फिल्म ‘राधे श्याम' भी 2022 में रिलीज होने वाली है। बालकृष्ण की ‘अखंड' भी अगले साल रिलीज होगी। इस साल जन सेना प्रमुख पवन कल्याण की फिल्म ‘वकील साब' सिनेमाघरों में रिलीज हुई। 2019 में चुनाव के बाद पर्दे पर उन्होंने पहली बार वापसी की। ऐसा कहा गया कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन किया।
फिल्म उद्योग को 2000 करोड़ रुपये का नुकसान
‘वकील साब' के अलावा ‘क्रैक', ‘कोंडा पोलम' और ‘पुष्पा' जैसी फिल्मों ने भी अच्छी कमाई की, जिससे इस उद्योग को आगे बेहतरी की उम्मीद जगी। पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में सरकार सिनेमाघरों में टिकटों की कीमत को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है जबकि तेलंगाना में सरकार ने टिकटों के दाम में वृद्धि की ताकि उद्योग को रास्ते पर लाया जा सके फिल्म उद्योग से ताल्लुक रखने वाले संगठन इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश सरकार से बताचीत करने के लिए प्रयायरत हैं। तेलुगु फिल्म निर्माता उद्योग के अध्यक्ष सी कल्याण ने कहा कि महामारी की वजह से 2020 और 2021 में उद्योग को 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और इसकी भरपाई होने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि इस उद्योग में सालाना करीब 250 फिल्में रिलीज होती थीं जबकि इस साल मात्र 40 फिल्में रिलीज हुईं।