PAN-Aadhaar Link: 31 दिसंबर से पहले कर लें ये जरूरी काम, वरना नए साल में नहीं मिलेगी सैलरी
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 05:25 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अगर आपने अब तक अपने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं किया है, तो अब लापरवाही महंगी पड़ सकती है। सरकार ने पैन-आधार को जोड़ने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 तय की है। इस डेडलाइन तक प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर आपका पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा। इससे न सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने में परेशानी आएगी, बल्कि आपकी सैलरी, निवेश और बैंकिंग लेन-देन पर भी सीधा असर पड़ सकता है।
क्यों जरूरी है पैन-आधार लिंक करना?
पैन कार्ड आपकी आय, टैक्स और निवेश से जुड़ी जानकारी का अहम दस्तावेज है। वहीं, आधार आपकी पहचान का प्रमाण है। सरकार ने इन दोनों को लिंक करना अनिवार्य किया है ताकि टैक्स चोरी और फर्जी पैन कार्ड के मामलों पर रोक लगाई जा सके। अगर आपका पैन आधार से जुड़ा नहीं है।
पैन इनएक्टिव हो जाएगा
➤ आप ITR फाइल नहीं कर पाएंगे
➤ TDS/TCS पर अधिक दर से टैक्स कटेगा
➤ बैंक या म्यूचुअल फंड में KYC अपडेट नहीं होगा
➤ नए निवेश या फिक्स्ड डिपॉजिट करने में दिक्कत होगी
➤ आपका रिफंड और सैलरी ट्रांसफर रुक सकता है
CBDT ने दी चेतावनी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने साफ कहा है कि समयसीमा के बाद पैन निष्क्रिय हो जाएगा। यानी वित्तीय वर्ष 2026 की शुरुआत में अगर पैन लिंक नहीं मिला, तो करदाताओं को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे करें PAN और Aadhaar को लिंक
➤ सबसे पहले www.incometax.gov.in पर जाएं।
➤ “Link Aadhaar” विकल्प पर क्लिक करें।
➤ पैन नंबर, आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
➤ मोबाइल पर आए OTP से वेरिफिकेशन करें।
➤ अगर आप 31 दिसंबर 2025 के बाद लिंक करते हैं, तो आपको ₹1,000 का शुल्क देना होगा।
➤ लिंकिंग सफल होने के बाद, आप पोर्टल पर जाकर इसकी स्थिति (status) भी चेक कर सकते हैं।
देरी का मतलब नुकसान
अगर आपने 31 दिसंबर 2025 तक पैन और आधार लिंक नहीं किया तो:
➤ आपका पैन कार्ड काम नहीं करेगा।
➤ सैलरी या प्रोफेशनल इनकम का भुगतान अटक सकता है।
➤ बैंकिंग लेन-देन और निवेश संबंधी कार्य रुक सकते हैं।
➤ टैक्स रिटर्न दाखिल करना असंभव हो जाएगा।
अब क्या करें?
अगर आप चाहते हैं कि 2026 में किसी भी वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े — तो बेहतर होगा कि अभी ही पैन-आधार लिंकिंग पूरी कर लें। इससे आप न केवल टैक्स से जुड़ी दिक्कतों से बचेंगे बल्कि आने वाले वित्तीय वर्ष में बिना रुकावट सैलरी, निवेश और रिफंड भी प्राप्त कर सकेंगे।
