रटले पनबिजली प्रोजैक्ट पर पाक के भय से आगे नहीं बढ़ी पूर्व की सरकारें: उपराज्यपाल

Thursday, Jan 21, 2021 - 06:18 PM (IST)

जम्मू (उदय): चिनाब नदी पर किश्तवाड़ जिले के द्रबशाल में बनने वाले 850 मैगावाट के रटले पनबिजली परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट ने क्लीयरेंस के बाद जम्मू कश्मीर यू.टी के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। जम्मू कश्मीर के लिए ऐतिहासिक निर्णय करार देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में 5282 करोड़ की लागत से निवेश से पनबिजली परियोजना का निर्माण किया जाएगा जो प्रदेश को एनर्जी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।


उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पत्रकारों के साथ बातचीत में रटले पनबिजली परियोजना बारे घोषणा करते हुए कहा कि इसे एन.एच.पी.सी और जे.के.एस.पी.डी.सी 51 प्रतिशत और 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी से सहयोग करेंगे। इस प्रोजैक्ट को 60 महीने (पांच साल )में तैयार किया जाएगा जिससे बिजली क्षेत्र में सुधार आएगा और सीधे अथवा परोक्ष ढंग से 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पूर्व की सरकार की ओर से इस प्रोजैक्ट को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाए जाने पर प्रोजैक्ट आगे नहीं बढ़ गया और जम्मू कश्मीर इससे वंचित रहा जबकि पूर्व की सरकारें पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट की धमकियों की वजह से आगे नहीं बढ़े और विश्व बैंक से प्रतिनिधित्व करते रहे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सख्त एवं निर्णायक नेतृत्व से यह बढ़ा निर्णय जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए लिया गया।


उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति प्रत्येक क्षेत्र में देख रहा है और हम प्रदेश की अनुखली प्रतिभा को खोल उसे कम समय में आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्राजैक्ट से 4000 रोजगार का सृजन होगा जिससे सामाजिक आर्थिक विकास होगा। उन्होंने बताय कि 540 मैगावाट का कवर प्रोजैक्ट को भी उठाया जाएा जिस पर 4,264 करोड़ का निवेश किया जाएगा जो 2 हजार लोगों को रोजगार प्रदान करेगा। उपराज्यपाल मनोह सिन्हा ने कहा कि चार और प्रोजैक्ट जिनमें किरथई-2 930 मैगावाट, सावलाकोट 1856 मैगावाट, उड़ी-1 स्टेज 2 240 मैगावाट औ दुलहस्ती स्टेज 2-258 मैगावाट का होगा जिसमें 31000 करोड़ा का निवेश किया जाएगा और निर्माण किया जाएगा। इनमें दो प्रोजैक्ट पकलडुल और किरू चिनाब नदी जबकि सहयोगी नदियों पर बनाए जाएंगे। कौशल विकास के माध्यम से स्थानीय लोगोंं को ट्रेन किया जाएगा जिसमें एनएचपीसी सहयोग करेगी ताकि लोगों को रोजगार मिले। आजादी के बाद 2018 तक सिर्फ 3500 मैगावाट के प्रोजैक्ट जम्मू कश्मीर मंबने जबकि हमने 6300 मैगावाट के प्रोजैक्ट को अगले 5 साल के लिए उठाया है जिससे जम्मू कश्मीर एनर्जी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और लगभग 12 हजार रोजगार सीधे अथवा परोक्ष रूप से प्रदान करेगा। इस प्रोजैक्ट में जम्मू कश्ीर यू.टी प्रोजैक्ट के शुरू होने पर 10 साल तक वाटर यूसेज चार्ज की लेवी डयूटी नहीं लगाएगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, प्रधान सचिव पावर डिवेल्पमेंट विभाग रोहित कंसल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Monika Jamwal

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