पाकिस्तान को वियना संधि उल्लंघन पर देनी पड़ी सफाई, भारत के आरोप किए खारिज
punjabkesari.in Wednesday, Jun 24, 2020 - 09:41 AM (IST)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मंगलवार को भारत द्वारा नई दिल्ली में उसके उच्चायोग के अधिकारियों पर वियना संधि के उल्लंघन करने के लगाए गए आरोप को निराधार बताते हुए उसे खारिज कर दिया और कहा कि वे हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून के मापदंडों के भीतर काम करते हैं। विदेश कार्यालय ने कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब किया गया और भारत के आधारहीन आरोपों की निंदा की गई।
उसने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों पर राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के किसी भी उल्लंघन के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया और दोहराया कि वे हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनयिक नियमों के मापदंडों के भीतर कार्य करते हैं।’’ एफओ ने कहा, ‘‘भारतीय उप उच्चायुक्त को पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी किए जाने के बारे में भी सूचित कर दिया गया।’’
उसने बताया कि भारतीय राजनयिक को सात दिनों के भीतर निर्णय को लागू करने के लिए कहा गया। भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को बड़े पैमाने पर कमतर करते हुए उससे मंगलवार को कहा कि वह यहां अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या अगले सात दिनों के अंदर 50 प्रतिशत घटाये। साथ ही, विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में इसी अनुपात में अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की भी घोषणा की।
क्या है वियाना संधि
वियना संधि के मुताबिक राजनयिकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और न ही उन्हें किसी तरह की हिरासत में रखा जा सकता है। आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले साल 1961 में वियना कन्वेंशन हुआ> इसके तहत एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय समझौते का प्रावधान किया गया जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया।