पूर्व PAF एयर मार्शल ने माना- भोलारी एयरबेस पर भारतीय हमलों में पाकिस्तान ने AWACS विमान खो दिया
punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 11:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के सेवानिवृत्त एयर मार्शल मसूद अख्तर ने स्वीकार किया है कि 9-10 मई की रात को भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए मिसाइल हमलों में पाकिस्तान की वायु सेना का एक एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमान नष्ट हो गया। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने चार ब्रह्मोस मिसाइलें दागी, जिनमें से चौथी मिसाइल पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस के हैंगर से टकरा गई, जहां AWACS विमान खड़ा था। इस हमले में विमान को नुकसान पहुंचा और कुछ हताहत भी हुए।
AWACS विमान का महत्व
AWACS विमान पाकिस्तान के वायु रक्षा नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हवा में खतरों का पता लगाने, लड़ाकू विमानों को मार्गदर्शन देने और हवाई संचालन का समन्वय करने में मदद करता है। इसका नुकसान पाकिस्तान की स्थिति और हवाई युद्ध की तत्परता के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच।
BREAKING- Ex PAF chief admits that Pak has lost a PAF Awacs in Bholari strike
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) May 15, 2025
Biggest prized asset of PAF taken down in Op Sindoorpic.twitter.com/hTgV19F6aa
शर्मिंदगी का कारण
मसूद अख्तर की यह स्वीकारोक्ति पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी है, क्योंकि पाकिस्तान पहले भारतीय हमलों में "न्यूनतम नुकसान" का दावा कर रहा था और यह सुनिश्चित कर रहा था कि उनके सभी सैन्य प्रतिष्ठान सुरक्षित हैं। लेकिन अब उपग्रह इमेजरी से यह पुष्टि हो रही है कि पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेसों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें भोलारी एयरबेस भी शामिल है।
उपग्रह छवियों से पुष्टि
भारतीय रक्षा अधिकारियों ने कहा कि भारतीय हमलों के दौरान भोलारी एयरबेस के एक विमान हैंगर को निशाना बनाया गया था, और उपग्रह छवियों ने यह पुष्टि की कि इसे भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा, नूर खान, सरगोधा और रहीम यार खान एयरबेस को भी नुकसान पहुंचा।
ऑपरेशन सिंदूर और बढ़ते तनाव
भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके के आतंकी लॉन्च पैडों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिससे तनाव और बढ़ गया। पाकिस्तान ने जवाब में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने उन्हें नाकाम कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी।