Terrorist Attack: पड़ोसी मुल्क में बड़ा आतंकी हमला, 9 सैनिकों की मौत
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 09:10 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर आतंक का साया मंडरा गया है। ताजा घटना में वाशुक ज़िले में सुरक्षाबलों पर हुए एक भीषण आतंकी हमले में कम से कम 9 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। यह हमला तब हुआ जब सेना की एक टुकड़ी मूवमेंट में थी और आतंकवादियों ने सुनियोजित ढंग से पुलिस थाने और सीमा बल (Frontier Corps) के ठिकाने को अपना निशाना बनाया।
कैसे हुआ हमला?
स्थानीय प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, दर्जनों की संख्या में आए आतंकियों ने अचानक सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला बोल दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि हमलावरों ने सेना की मूवमेंट के दौरान घात लगाकर हमला किया। हालांकि अधिकारी ने अपनी पहचान गुप्त रखने की बात कही है। इस भीषण हमले में सुरक्षाबलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, और नौ सैनिकों की मौत की पुष्टि हुई है। जवाबी कार्रवाई में कितने आतंकी मारे गए, इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है।
लगातार निशाने पर बलूचिस्तान
यह कोई पहला मौका नहीं है जब बलूचिस्तान हिंसा की आग में झुलसा हो। हाल ही में जाफर एक्सप्रेस नामक ट्रेन को भी निशाना बनाया गया था। बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में पटरी पर आईईडी विस्फोट कर ट्रेन को बेपटरी किया गया, जिससे छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में चार यात्री घायल हो गए थे। ट्रेन उस समय पेशावर की ओर जा रही थी।
आम नागरिक भी सुरक्षित नहीं
हिंसा सिर्फ सुरक्षाबलों तक सीमित नहीं है। कुछ ही दिनों पहले अज्ञात बंदूकधारियों ने कराची से क्वेटा जा रही एक यात्री बस पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें तीन यात्रियों की मौत हो गई और सात घायल हो गए। कलात क्षेत्र में हुई इस घटना ने आम नागरिकों के भीतर डर और असुरक्षा की भावना और गहरा दी है।
इसके अलावा, किला अब्दुल्ला जिले के जब्बार मार्केट के पास हुए एक शक्तिशाली बम विस्फोट में चार लोगों की जान गई और बीस से ज्यादा घायल हो गए। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास की कई दुकानों और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। आग लगने के कारण पूरे बाजार क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
क्यों है बलूचिस्तान अशांत?
बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से अस्थिरता का केंद्र बना हुआ है। करीब दो दशक से यहां अलगाववादी आंदोलनों और आतंकवादी हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। स्थानीय बलूच जातीय समूहों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उनके क्षेत्र की प्राकृतिक संपदाओं का शोषण कर रही है, जबकि उन्हें उनका उचित हक नहीं मिल रहा। इन नाराजगी भरे sentiments ने अब हिंसक रूप ले लिया है, और बलूच विद्रोही अब खुलकर पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बना रहे हैं। इनकी रणनीति में घातक हमले, आईईडी ब्लास्ट, ट्रेनों को निशाना बनाना और नागरिकों पर हमले शामिल हैं।