अचानक क्या हुआ पाकिस्तान में... 4 लाख लोग घरों में हुए कैद, 55 हजार लोगों ने छोड़ा घर; 27 क्षेत्रों में 12 से 72 घंटे का कर्फ्यू लागू
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 04:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिले में पाक सेना ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ बड़े पैमाने पर 'Operation Sarbakf' की शुरुआत की है। यह अभियान खासतौर पर लोई मामुंड और वार मामुंड तहसीलों में चलाया जा रहा है, जिन्हें पहले TTP का गढ़ माना जाता था।
कर्फ्यू और विस्थापन
तालिबान कमांडरों के साथ शांति वार्ता नाकाम होने के बाद सेना ने 27 क्षेत्रों में 12 से 72 घंटे का कर्फ्यू लागू कर दिया है। इसके चलते करीब 55,000 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं, जबकि 4 लाख से ज्यादा लोग घरों में फंसे हुए हैं।
मानवीय संकट और आरोप
अवामी नेशनल पार्टी के विधायक निसार बाज ने खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में आरोप लगाया कि कर्फ्यू के कारण लोग सुरक्षित स्थानों पर नहीं जा पा रहे हैं और सेना अपने ही नागरिकों को यातना दे रही है। कई परिवार टेंट, खुले मैदान और सरकारी इमारतों में रात गुजारने को मजबूर हैं। वहीं, परिवहन साधनों की कमी और भोजन-पानी की दिक्कत ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
सरकार का दावा और राहत कार्य
सरकार का कहना है कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार मुबारक खान जैब ने बताया कि स्कूलों को अस्थायी राहत शिविरों में बदला गया है। जिला प्रशासन ने खार तहसील में 107 शैक्षणिक संस्थानों को राहत केंद्र घोषित किया है, लेकिन जमीनी रिपोर्टों के अनुसार राहत सामग्री और आश्रय की व्यवस्था अभी भी पर्याप्त नहीं है।
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बातचीत नाकाम, कार्रवाई तेज
ऑपरेशन 29 जुलाई को शुरू हुआ था, लेकिन जनजातीय जिरगा की मध्यस्थता के चलते इसे अगले दिन रोक दिया गया। कई दौर की बातचीत के बाद भी 2 अगस्त को वार्ता विफल हो गई, जिसके बाद सेना ने फिर से कार्रवाई शुरू कर दी।
बाजौर में संघर्ष का इतिहास
बाजौर जिला लंबे समय से TTP का मजबूत ठिकाना रहा है। पहले भी सेना यहां कई अभियान चला चुकी है, जिनमें हजारों लोग विस्थापित हुए थे। इस बार भी सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबरें सामने आई हैं। वहीं, नागरिकों पर कथित यातना और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप पाकिस्तान सेना की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।