"गिलगित-बाल्टिस्तान" को "अस्थायी प्रांतीय दर्जा" देने पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति

punjabkesari.in Monday, Nov 02, 2020 - 03:12 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान जमकर भड़ास निकालता रहा है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान ने अब विवादित क्षेत्र गिलगिट-बाल्टिस्तान को अस्थाई प्रांतीय दर्जा दे दिया है जिस पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने यह कदम इस क्षेत्र पर अपने अवैध कब्जे को छिपाने के लिए किया है।

 

पाकिस्तानी सरकार द्वारा तथाकथित "गिलगित-बाल्टिस्तान" को "अस्थायी प्रांतीय दर्जा" देने के के ऐलान के बाद भारत सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “भारत सरकार अपने अवैध और जबरन कब्जे के तहत पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से में भौतिक परिवर्तन लाने के प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार करती है।  ' उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तथाकथित "गिलगित-बाल्टिस्तान" के क्षेत्र सहित, कानूनी रूप से भारत के अभिन्न अंग हैं। 1947 में भारतीय संघ में जम्मू और कश्मीर का पूर्ण और अपरिवर्तनीय शामिल होने के बाद से. यह पाकिस्तान सरकार के पास अवैध और जबरन है और उसके कब्जे वाले क्षेत्रों पर उसका कोई वैध आधार नहीं है।'

 

अनुराग श्रीवास्तव ने आगे कहा, 'पाकिस्तान द्वारा इस तरह के प्रयास, अपने अवैध कब्जे को छलनी करने का इरादा है, ऐसा करको वो वहां हो रहे गंभीर मानव अधिकारों के उल्लंघन को छिपा नहीं सकता। इन पाक अधिकृत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का सात दशकों से अधिक समय तक शोषण किया गया और उन्हें स्वतंत्रता से वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्रों की स्थिति को बदलने की मांग करने के बजाय हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे के तहत सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं ।


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Tanuja

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