पाक के नूर खान एयरबेस पर अमेरिका का नियंत्रण! पाकिस्तानी विशेषज्ञ के दावे से मचा बवाल

punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 12:27 PM (IST)

Islamabad:पाकिस्तान में एक नया सुरक्षा विवाद उस समय खड़ा हो गया जब देश के प्रसिद्ध सुरक्षा विश्लेषक इम्तियाज गुल ने यह सनसनीखेज दावा किया कि  रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस  पर अमेरिका का “नियंत्रण” है। यह दावा ऐसे समय सामने आया है जब हाल ही में भारत द्वारा  ऑपरेशन सिंदूर के तहत इसी एयरबेस को निशाना बनाया गया था।गुल का कहना है कि इस  रणनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील एयरबेस पर अमेरिकी विमानों की नियमित मौजूदगी देखी गई है, और पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी इस बेस में हस्तक्षेप की इजाजत नहीं है। यह स्थिति पाकिस्तान की संप्रभुता, पारदर्शिता और सैन्य स्वायत्तता को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।

 

क्या पाकिस्तान ने सौंप दिया अपना बेस? 
इम्तियाज गुल  द्वारा साझा किए गए एक वायरल वीडियो में उन्होंने यह दावा किया कि **नूर खान एयरबेस अब पाकिस्तान के नहीं, बल्कि अमेरिका के नियंत्रण में है। उनका आरोप है कि यह स्थिति किसी अघोषित समझौते का नतीजा है, और न तो संसद और न ही जनता को इस बारे में कोई जानकारी है। उनका यह बयान भारत के हालिया सैन्य जवाबी कार्रवाई  के बाद सामने आया, जिसने इस दावे को और अधिक राजनीतिक रूप से विस्फोटक बना दिया है। गुल के अनुसार, नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी विमानों की आवाजाही लगातार देखी जाती है  लेकिन उनके मिशन, उपकरण या कार्गो के बारे में कोई पारदर्शिता नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि यह सहयोग एक छुपे हुए रक्षा समझौते का हिस्सा हो सकता है, जिससे पाकिस्तान की सैन्य स्वतंत्रता पर गंभीर असर पड़ रहा है।

 

 नूर खान एयरबेस की पाक सेना में अहमियत 

  •  यह एयरबेस इस्लामाबाद और रावलपिंडी  के बीच स्थित है
  •  पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय और  रणनीतिक योजना डिवीजन (एसपीडी) के बेहद करीब
  •  परमाणु हथियारों की कमान संभालने वाले डिवीजन से इसकी निकटता इसे और संवेदनशील बनाती है
  •   यहीं से हवाई गतिशीलता अभियानों का नियंत्रण भी होता है

 

 भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई कार्रवाई के दौरान,  भारतीय वायुसेना ने नूर खान एयरबेस को भी टारगेट किया। यह केवल सैन्य नहीं, बल्कि  राजनीतिक और प्रतीकात्मक तौर पर भी एक सशक्त संदेश था, क्योंकि यह एयरबेस पाक सेना के कमांड सेंटर्स के बेहद नजदीक  है।
 

सरकारी चुप्पी से और बढ़ा शक 
अब तक न पाकिस्तान सरकार और न सेना ने इम्तियाज गुल के आरोपों को  स्वीकार या खंडन किया है। लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गर्माया हुआ है, और पाकिस्तानी नागरिकों के बीच यह बहस चल रही है कि क्या  देश की संप्रभुता को विदेशी हाथों में सौंपा जा चुका है। यह घटना पाकिस्तान में अमेरिकी सैन्य प्रभाव की गहराई  और  स्थानीय पारदर्शिता की कमी  को लेकर गंभीर सवाल उठा रही है। आने वाले दिनों में यदि इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, तो यह विवाद और भी व्यापक राजनीतिक संकट में बदल सकता है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News