Heavy Rain Alert: राज्य के इन 55 जिलों में 24 घंटों के लिए भारी बारिश और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी, कच्ची सड़कों का हो सकता है भारी नुकसान

punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 01:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क : यूपी में पिछले कुछ दिनों से उमस और गर्मी से परेशान लोगों को राहत देने के लिए मौसम ने करवट ली है। आसमान में बादल छा गए हैं और तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के 55 जिलों में अगले 24 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

कहां-कहां हो सकती है भारी बारिश?

मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से लेकर भारी बारिश होने की संभावना है। लखनऊ, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर, देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, और मुरादाबाद जैसे जिलों में भारी वर्षा, तेज हवाएं (30-55 किमी/घंटा) और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।

बाढ़ और जलभराव का खतरा बढ़ा

राज्य में बीते दिनों हुई लगातार बारिश की वजह से गंगा, यमुना, गोमती, शारदा, रामगंगा, और राप्ती जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा, और श्रावस्ती जैसे ज़िलों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। निचले इलाकों में जलभराव के कारण सड़कों पर पानी भर गया है और अंडरपास बंद हो सकते हैं। इससे यातायात और जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

कुछ जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज

पिछले 24 घंटों में कुछ जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है:

  • बाराबंकी: 320 मिमी
  • मुरादाबाद: 270 मिमी
  • संभल: 210 मिमी
  • हरदोई: 170 मिमी

इन इलाकों में कई गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है और फसलों को नुकसान की आशंका है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कच्ची सड़कों को भी भारी नुकसान हो सकता है।

प्रभावित जिलों की सूची

पूर्वी उत्तर प्रदेश: सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, अंबेडकर नगर।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद, संभल, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, मेरठ, नजीबाबाद।

मध्य उत्तर प्रदेश: लखनऊ, कानपुर, कासगंज, हाथरस।

इन जिलों में तेज बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है।

प्रशासन की तैयारियां पूरी

हालात को देखते हुए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें (SDRF) अलर्ट पर हैं। नदी किनारे के इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। खासतौर पर तराई क्षेत्र हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं, इसलिए पहले से सावधानी और तैयारी की जा रही है ताकि जन-धन की हानि को कम किया जा सके।

क्या करें, क्या न करें?

  • बिजली कड़कने के समय खुले में न निकलें।
  • जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
  • बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर रखें।
  • प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

 

 

 

 


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Content Editor

Mehak

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