यूजीसी और एआईसीटीई ने जारी की चेतावनी, कहा- ये PhD डिग्री मान्य नहीं होगी

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 05:38 PM (IST)

 

नेशनल डेस्क: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को घोषणा की कि विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से ‘एडटेक' कंपनियों द्वारा पेश ऑनलाइन पीएचडी पाठ्यक्रम मान्य नहीं हैं। यूजीसी और एआईसीटीआई ने छात्रों के लिए इस साल दूसरी बार ऐसी चेतावनी जारी की है। इस साल की शुरुआत में यूजीसी और एआईसीटीई ने अपने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और संस्थानों को एड-टेक कंपनियों के सहयोग से दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश के प्रति आगाह करते हुए कहा था कि मानदंडों के अनुसार, कोई “फ्रैंचाइजी” समझौता स्वीकार्य नहीं है।

यूजीसी और एआईसीटीआई का साझा बयान
यूजीसी और एआईसीटीआई की ओर से जारी संयुक्त बयान के अनुसार, “पीएचडी डिग्री प्रदान करने के मानकों को बनाए रखने के लिए, यूजीसी ने यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री प्रदान करने हेतु न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया) विनियमन 2016 को अधिसूचित किया है। पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के लिए यूजीसी की ओर से जारी विनियमन और इसके संशोधनों का पालन करना अनिवार्य है।”

ऐसे ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रम को मंजूरी नहीं
बयान में कहा गया है कि छात्रों और आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वे विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से एडटेक कंपनियों की तरफ से दिए गए ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों के विज्ञापनों के बहकावे में न आएं।” आदेश के अनुसार,“ऐसे ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं। इच्छुक छात्रों और आम लोगों से अनुरोध है कि दाखिला लेने से पहले यूजीसी विनियमन 2016 के अनुसार पीएचडी कार्यक्रमों की प्रामाणिकता सत्यापित करें।”

इसके पहले सरकार ने जुलाई में एडटेक कंपनियों को अनुचित व्यापार व्यवहार के प्रति आगाह किया था। सरकार देश में संचालित एडटेक कंपनियों को विनियमित करने के लिए नीति बनाने पर भी काम कर रही है। प्रस्तावित नीति का मकसद एकाधिकार पर रोक लगाना और विद्यार्थियों को उन एडटेक मंचों के शोषण से बचाना है जो आकर्षक वादे या अनुचित व्यवहार करते हैं।  

 


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Content Editor

rajesh kumar

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