फूड डिलीवरी के नाम पर लूट रही कंपनियां, Swiggy पर खाना रेस्टोरेंट से 81% तक महंगा! जानें क्या है सच

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 05:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ऑनलाइन फूड डिलीवरी आजकल लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है, लेकिन हाल ही में एक ग्राहक की सोशल मीडिया पोस्ट ने स्विगी जैसी डिलीवरी ऐप्स की कीमतों पर सवाल उठा दिए हैं। ग्राहक ने खुलासा किया कि स्विगी से ऑर्डर किया गया खाना रेस्टोरेंट से सीधे खरीदने की तुलना में लगभग 81% महंगा था। यानी, जहां रेस्टोरेंट में खाने का बिल 810 रुपये था, वही स्विगी पर 1,473 रुपये का पड़ा। इस चौंकाने वाले अंतर ने लोगों को ऑनलाइन फूड डिलीवरी की कीमतों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

हर आइटम की कीमत में भारी अंतर
ग्राहक ने स्विगी से सवाल करते हुए अपनी पोस्ट में लिखा, "@Swiggy, ऐप से खाना ऑर्डर करना उसी रेस्टोरेंट से, जो महज 2 किलोमीटर दूर है, 81% महंगा क्यों है? क्या यही आपकी सर्विस की असली कीमत है? मुझे खाना डिलीवर कराने के लिए 663 रुपये अतिरिक्त देने पड़े।"

ग्राहक ने चार आइटम्स की कीमतों की तुलना साझा की, जो इस प्रकार हैं:

10 पराठे: रेस्टोरेंट में 180 रुपये, स्विगी पर 350 रुपये

चिकन 65: रेस्टोरेंट में 150 रुपये, स्विगी पर 240 रुपये

चिकन लॉलीपॉप: रेस्टोरेंट में 200 रुपये, स्विगी पर 320 रुपये

चिकन थोक्कू बिरयानी: रेस्टोरेंट में 280 रुपये, स्विगी पर 460 रुपये

बड़ी बात यह है कि यह अंतर केवल डिलीवरी शुल्क की वजह से नहीं, बल्कि रेस्टोरेंट्स द्वारा ऑनलाइन मेन्यू में तय की गई बढ़ी हुई कीमतों और स्विगी के अतिरिक्त शुल्कों के कारण था।

सोशल मीडिया पर यूजर्स की प्रतिक्रिया
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। एक यूजर ने कहा, "स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियां ज्यादा चार्ज इसलिए करती हैं, क्योंकि उन्होंने मार्केट पर कब्जा कर लिया है। अन्य कंपनियां इनके सामने टिक नहीं पा रही हैं।" कई यूजर्स ने बताया कि रेस्टोरेंट्स ही ऑनलाइन मेन्यू की कीमतें बढ़ाते हैं, और इसके बाद डिलीवरी ऐप्स अपनी सर्विस फीस और डिलीवरी चार्ज जोड़ देती हैं।

Hey @Swiggy, please explain. Why does ordering food in the app, 81% expensive than buying the same food from the same outlet, just 2kms away. Is this the real cost of convenience ? The extra that I have to pay to get the food delivered is INR 663. pic.twitter.com/rvLghtJJ3H

— Sunder (@SunderjiJB) September 7, 2025

कुछ यूजर्स ने सुझाव दिया कि अगर रेस्टोरेंट्स खुद डिलीवरी शुरू करें, तो खाने की कीमतें कम हो सकती हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा, "रेस्टोरेंट्स और डिलीवरी ऐप्स दोनों ही ग्राहकों से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है।"

ऑनलाइन ऑर्डर की कीमतें क्यों हैं ज्यादा?
स्विगी और जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों का कहना है कि वे खुद खाने की कीमतें तय नहीं करतीं। रेस्टोरेंट्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन मेन्यू के लिए अलग-अलग कीमतें तय करने की आजादी होती है। कई रेस्टोरेंट्स ऑनलाइन ऑर्डर के लिए कीमतें बढ़ा देते हैं, क्योंकि उन्हें डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को कमीशन देना पड़ता है। इसके अलावा, स्विगी जैसे ऐप्स सर्विस फीस, डिलीवरी चार्ज, और टैक्स जोड़ते हैं, जिससे ऑर्डर की कुल लागत बढ़ जाती है।

क्या है समाधान?
यह मामला ऑनलाइन फूड डिलीवरी की बढ़ती लागत और पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्राहकों को ऑर्डर करने से पहले रेस्टोरेंट के ऑफलाइन मेन्यू से कीमतों की तुलना करनी चाहिए। साथ ही, रेस्टोरेंट्स को भी अपनी डिलीवरी सर्विस शुरू करने या कीमतों में पारदर्शिता लाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

यह घटना न केवल स्विगी, बल्कि सभी फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स और रेस्टोरेंट्स के लिए एक चेतावनी है कि ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए उचित मूल्य निर्धारण और पारदर्शिता जरूरी है।


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Content Editor

Shubham Anand

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