'वन रैंक, वन पेंशन' योजना को छह साल पूरे, बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी को दी बधाई
punjabkesari.in Sunday, Nov 07, 2021 - 08:29 PM (IST)

नेशनल डेस्कः वन रैंक, वन पेंशन योजना को आज छह साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर भाजपा नेताओं ने बधाई दी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ‘वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) की छठी वर्षगांठ के अवसर पर पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर परिर्कर को याद किया। प्रमोद सावंत ने कहा कि छह साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ऊर्जावान नेतृत्व में गोवा के प्यारे बेटे मनोहर भाई परिर्कर ने ‘वन रैंक वन पेंशन' से संबंधित बहुप्रतीक्षित निर्णय लिया।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए इस तरह के ऐतिहासिक नीतिगत निर्णय का नेतृत्व करने के लिए दिवंगत मनोहर भाई को याद करता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।''
इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कू पर कहा कि 6 साल पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने 'वन रैंक, वन पेंशन' को लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। इस देश के उन दिग्गजों और नायकों को सम्मानित करने के लिए निर्णय लिया गया, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देने से कभी पीछे नहीं हटे ताकि हम अपने परिवारों के साथ शांति से रह सकें।
वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि निस्वार्थ भाव से भारत की सेवा करने वालों की सेवा करना! छह साल पहले हमारे पूर्व सैनिकों को के लिए वन रैंक वन पेंशन देने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था। सरकार नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारे सशस्त्र बलों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो देशवासियों की रक्षा करते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि 6 साल पहले वन रैंक, वन पेंशन योजना को लागू करके मोदी सरकार ने पूर्व सैनिकों को न्याय दिया है। एक मांग जो पिछले 40 वर्षों से पूरी नहीं हुई थी। मोदी सरकार हमारे रक्षा बलों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
पूर्व सैन्यकर्मी 45 साल से कर रहे थे OROP की मांग
बता दें कि साल 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। भारत सरकार ने 7 नवंबर, 2011 को एक आदेश जारी कर OROP योजना लागू करने का फैसला लिया था। वन रैंक-वन पेंशन योजना के अंतर्गत अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन रकम में बड़ा अंतर नहीं होगा, यह सुनिश्चित किया गया है। पूर्व सैन्यकर्मी करीब 45 साल से OROP के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे।
समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित
इस योजना के दायरे में 30 जून, 2014 तक रिटायर सैनिक आते हैं। OROP लाभार्थियों को 2.57 के मल्टीप्लिकेशन फैक्टर से पेंशन की गणना करते समय 7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन तय होने का फायदा भी मिला। साल 2006 से पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी। इसमें से कई तो ऐसे थे कि उन्हें अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन मिलती थी। इसे लेकर रिटायर सैनिकों में काफी आक्रोश था। लेकिन वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित किया गया है।