Farmers Protest: पत्रकार के सवाल पर किसान ने रखी Khalistan की मांग, ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा वीडियो
punjabkesari.in Tuesday, Feb 13, 2024 - 02:16 PM (IST)
नैशनल डैस्क : किसानों के ‘दिल्ली चलो' विरोध मार्च में शामिल युवाओं ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह सवाल है कि वो किस हक के लिए केंद्र सरकार से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। किसानों की मांगों में प्रमुख मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाना है। सभी फसलों का मूल्य डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय हो और गन्ना भी इसमें शामिल हो.. यह मांगें हैं। हालांकि, पंजाब केसरी के रिपोर्टर सुधीर पांडे ने जब प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समहू से सवाल किया तो उनका जवाब कई सवाल खड़े कर देने वाला रहा। दरअसल, जवाब में एक शख्स ने पंजाब को खालिस्तान बनाने की मांग करते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की।
ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा #Khalistan
पत्रकार के एक सवाल पर आंदोलन का हिस्सा बने एक शख्स ने कहा, ''सरकार से उन्हें अब कोई उम्मीद नहीं। हम आजाद पंजाब की मांग करते हैं। एक साझा पंजाब...एक खालिस्तान पंजाब।'' अब ट्विटर पर किसान आंदोलन के बीच #Khalistan ट्रेंड कर रहा है। वीडियो को कई लोगों द्वारा शेयर किया जा रहा, साथ ही आंदोलन का हिस्सा बने प्रर्दशनकारियों के इरादों पर भी सवाल उठा रहे हैं।
Reporter asked what are your demand? Farmer said Khalistan.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) February 13, 2024
Before you dare to label Anndata as separatist, understand that Khalistan is an acronym for the demands of farm protests.
K : Kisan ka samman.
H : Harvest insurance costs to be totally borne by govt.
A : Add… pic.twitter.com/Uhi5DiIgPT
द स्किन डाॅक्टर नाम के एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा- रिपोर्टर ने पूछा आपकी क्या मांग है? किसान ने कहा- खालिस्तान। इससे पहले कि आप अन्नदाता को अलगाववादी करार देने का साहस करें, यह समझ लें कि खालिस्तान कृषि विरोध प्रदर्शनों की मांगों का संक्षिप्त रूप है।
- K: किसान का सम्मान.
- H: फसल बीमा लागत पूरी तरह से सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
- A: कृषि को मनरेगा से जोड़ें।
- L: भोजन पर अधिक आयात शुल्क लगाना।
- I : भारत डब्ल्यूटीओ से हट गया।
- S: बीज की गुणवत्ता में सुधार।
- T : दस हजार मासिक पेंशन।
- A: कृषि क्षेत्र को प्रदूषण अधिनियम से बाहर रखा जाएगा।
- N: राष्ट्रव्यापी कृषि ऋण माफी।
These are the 'Kisans,' protesting for their 'rights.' What are their rights? Khalistan? Azad Punjab?
— Mohit Suryavanshi (@IMAntiSecular) February 13, 2024
This young Khalistani is blatantly admitting that he wants Azad Punjab. The Kisan protest is nothing but a guise for the same.#FarmersProtest2024 pic.twitter.com/htvLLT8iZn
बता दें कि विरोध मार्च में शामिल युवाओं के एक समूह ने मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा बैरिकेड से दूर रहने की अपील के बावजूद, कई युवा पीछे नहीं हटे और बैरिकेड के ऊपर खड़े रहे। उन्होंने बताया कि जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने लोहे का बैरिकेड तोड़ दिया और उसे घग्गर नदी के पुल से नीचे फेंकने की कोशिश की, तो पुलिस ने आंसू गैस के कई गोले छोड़े।
बाद में पुलिस ने आंसू गैस का गोला गिराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली कूच कर रही है।