Vehicle Policy: दिल्ली में पुरानी गाड़ियों की बढ़ी चिंता? ये 3 स्मार्ट जुगाड़ बचाएंगे आपकी कार को कबाड़ बनने से

punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 04:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 1 जुलाई 2025 से दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों पर सख्त नियम लागू कर दिए हैं। अब राजधानी में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को न तो चलाने की अनुमति है और न ही उन्हें पेट्रोल पंपों से ईंधन मिलेगा। इस नियम ने हजारों वाहन मालिकों को मुश्किल में डाल दिया है, खासकर उन लोगों को जो अब भी अपनी गाड़ी को इस्तेमाल लायक मानते थे। अगर आप भी दिल्ली में रहते हैं और आपकी गाड़ी इन नियमों के अंतर्गत अब राजधानी की सड़कों पर नहीं चल सकती, तो घबराइए नहीं। आर्थिक और कानूनी नुकसान से बचने के लिए आपके पास तीन प्रभावी विकल्प हैं, जिनकी मदद से आप अपनी गाड़ी से जुड़े नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

नियमों का उल्लंघन तो भारी जुर्माना तय

अगर कोई व्यक्ति प्रतिबंधित पुरानी गाड़ी को दिल्ली की सड़कों पर चलाते हुए पाया गया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। चार पहिया वाहन के लिए ₹10,000 और दोपहिया वाहन के लिए ₹5,000 का चालान तय किया गया है। पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं जो पुरानी गाड़ियों की पहचान कर उन्हें फौरन जब्त कर सकते हैं।

विकल्प 1: स्क्रैपिंग करवाकर नई गाड़ी पर छूट पाएं

सबसे पहला और सरल विकल्प है सरकार की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपनी पुरानी गाड़ी को अधिकृत स्क्रैप फैसिलिटी (RVSF) में जमा करवाना। यहाँ आपकी गाड़ी को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से तोड़ा जाता है और बदले में एक Certificate of Deposit (CoD) दिया जाता है।

इस प्रमाण पत्र की मदद से आप नई गाड़ी खरीदते समय रोड टैक्स पर छूट प्राप्त कर सकते हैं:

  • निजी गाड़ियों के लिए: 25% तक की छूट

  • कमर्शियल वाहनों के लिए: 15% तक की छूट

इसके साथ ही गाड़ी की हालत और वजन के अनुसार आपको ₹50,000 से ₹3 लाख तक का स्क्रैप प्राइस भी मिल सकता है। यह विकल्प उन लोगों के लिए खास है जो नई गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं और कुछ रिटर्न भी चाहते हैं।

विकल्प 2: दिल्ली-NCR के बाहर गाड़ी बेचें और बेहतर दाम पाएं

अगर आपकी गाड़ी अभी भी अच्छी हालत में है और आप उसे चलाने योग्य मानते हैं, तो आप उसे दिल्ली-एनसीआर के बाहर के किसी राज्य में बेच सकते हैं, जहां ऐसे उम्र संबंधी प्रतिबंध नहीं हैं। इससे आपको गाड़ी की बेहतर कीमत मिल सकती है।

हालांकि, इसमें कुछ कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी:

  • गाड़ी को नए राज्य में ट्रांसपोर्ट करना

  • उस राज्य के RTO से दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना

  • नया रोड टैक्स भरना

यह विकल्प थोड़ा मेहनत वाला जरूर है लेकिन यदि गाड़ी की कंडीशन ठीक है, तो यह आर्थिक रूप से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

विकल्प 3: गाड़ी को CNG में कन्वर्ट कराएं और चलाते रहें

अगर आपके पास पेट्रोल कार है और वह फिटनेस टेस्ट व प्रदूषण मानकों पर खरी उतरती है, तो आप उसमें ARAI प्रमाणित CNG किट लगवा सकते हैं। इस तरीके से आपकी गाड़ी की उम्र बढ़ जाएगी और वो दोबारा सड़कों पर चलने योग्य हो जाएगी।

CNG किट लगाने के फायदे:

  • लागत: ₹50,000 से ₹1 लाख

  • ईंधन खर्च में बचत

  • पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प

  • नियमों के अनुसार गाड़ी चलाने की अनुमति

ध्यान दें कि सभी गाड़ियां CNG में कन्वर्ट नहीं हो सकतीं, खासकर डीजल गाड़ियां। साथ ही CNG स्टेशनों की उपलब्धता एक चुनौती हो सकती है।

क्या करें और क्या न करें?

  • अपने वाहन की उम्र और ईंधन प्रकार की जांच करें

  • स्क्रैपिंग, रीसेल या CNG विकल्पों पर जल्दी निर्णय लें

  • ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन बिल्कुल न करें

  • स्क्रैपिंग के लिए केवल RVSF रजिस्टर्ड फैसिलिटी का ही चयन करें

  • यदि CNG किट लगवाएं, तो केवल ARAI प्रमाणित किट का ही प्रयोग करें


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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