ऑफ द रिकार्ड: सीट बदलने की तैयारी में वरुण गांधी

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 05:42 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अब बिल्ली छिक्के से बाहर आ गई है। अब यह करीब-करीब साफ हो गया है कि वरुण गांधी अपनी सीट सुल्तानपुर से चुनाव लडऩे से डर रहे हैं। वास्तव में वह चाहते हैं कि उनके लिए उनकी मां मेनका गांधी अपनी सीट पीलीभीत को खाली करें। पीलीभीत मेनका के लिए काफी सुरक्षित सीट है जहां से वह आराम से जीतती आ रही हैं। 
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2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें करीब 52 फीसदी मत हासिल हुए थे जो सपा-बसपा दोनों के मतों से ज्यादा थे। इस चुनाव में दोनों दलों को 42 फीसदी मत मिले थे। इसके अलावा उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र को काफी चुस्त-दुरुस्त रखा है। असली समस्या वरुण गांधी की है। पिछले चुनावों में वह इस सीट पर मात्र 42 फीसदी मत ले कर जीते थे। इस चुनाव में उनका सामना बसपा के पवन पांडे जिन्होंने 24 फीसदी व सपा के शकील अहमद जिन्होंने 23 फीसदी मत लिए थे, से था। इसी तरह कांग्रेस की अमिता सिंह को केवल 4 फीसदी मत मिले थे। 
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वरुण गांधी यह भलि-भांति जानते हैं कि सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार से जीतना उनके लिए मुश्किल होगा इसलिए राजा धनंजय सिंह के उत्तराधिकारी डा. संजय सिंह इस सीट से चुनाव लडऩे के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं इसलिए उन्होंने अपनी मां को कहा कि वह अपने लिए करनाल लोकसभा सीट की मांग हाईकमान से करें क्योंकि हरियाणा के सी.एम. खट्टर उनसे सहानुभूति रखते हैं लिहाजा करनाल से मेनका की उम्मीदवारी का वह समर्थन करेंगे।
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ऐसा माना जा रहा है कि वहां के लिए उनका टिकट फाइनल हो गया है। इसके बावजूद पार्टी में कई लोग यह मान कर चल रहे हैं कि इस तरह से उम्मीदवार को बदलने से गलत संदेश जाएगा क्योंकि उन्होंने सीट बदलने की वजह हाईकमान को बताई नहीं है। दूसरा यह कि हाईकमान की नीति के अनुसार पैनल को 3 नाम भेजने हैं। 
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हालांकि खट्टर भी व्यक्तिगत रूप से वर्तमान सांसद को टिकट नहीं देना चाहते हैं क्योंकि उनकी रेटिंग बहुत अच्छी नहीं है। उधर यू.पी. की भाजपा इकाई नहीं चाहती है कि मेनका पीलीभीत से शिफ्ट हो जाएं। यही नहीं, राज्य इकाई तो यह भी नहीं चाहती है कि वरुण गांधी भी डर के मारे अपनी सीट छोड़ें क्योंकि इससे गलत संदेश जाएगा।  


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Pardeep

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